यमुनानगर : अगले पाँच दिनों तक कपालमोचन तीर्थराज में श्रद्धालुओं का बड़ा जमावड़ा देखने को मिलेगा। 14 नवंबर की रात को श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर कपालमोचन, ऋण मोचन, और सूरजकुंड सरोवर में पवित्र स्नान करेंगे। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यों से लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, और इस वर्ष प्रशासन ने आठ से दस लाख लोगों के मेला में शामिल होने का अनुमान लगाया है। जिला प्रशासन ने रविवार की रात तक मेले की तैयारियों को अंतिम रूप देने में काफी मेहनत की। सोमवार को इस मेले का औपचारिक उद्घाटन अंबाला मंडल की आयुक्त गीता भारती दोपहर 12 बजे करेंगी। मेला क्षेत्र को चार सेक्टरों में विभाजित किया गया है और इसके लिए श्राइन बोर्ड ने 126 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कपालमोचन सरोवर में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है, जबकि ऋणमोचन सरोवर में स्नान करने से ऋण से मुक्ति मिलती है। श्रद्धालु इन सरोवरों में स्नान के बाद सूरजकुंड सरोवर में भी स्नान करते हैं। यहाँ कई पौराणिक कथाएँ भी जुड़ी हुई हैं, जैसे कि भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के बाद पांडवों संग यहाँ स्नान किया था। कपालमोचन सरोवर पर दो घाट हैं – एक काला गऊ बच्छा घाट और दूसरा सफेद गऊ बच्छा घाट। कथा है कि एक गाय ने गलती से अपने मालिक की हत्या कर दी थी, जिससे उसका रंग काला पड़ गया था। उसने कार्तिक पूर्णिमा पर कपालमोचन में स्नान किया, जिससे वह सफेद हो गई और उसे अपने पाप से मुक्ति मिली।कथा है कि गुरु गोविंद सिंह और गुरु नानक देव जी भी कार्तिक पूर्णिमा पर यहाँ आए थे। गुरु गोविंद सिंह ने संगत को आदेश दिया था कि जो भी गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व कपालमोचन में मनाएगा, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होंगी। तब से यहाँ कार्तिक पूर्णिमा पर मेला लगने लगा। इसी पवित्र स्थान पर पितरों की शांति के लिए देवताओं ने भी आकर पूजन किया था। हिंदू, सिख, और मुस्लिम समुदायों की यहाँ आस्था है। शास्त्रों के अनुसार, श्रीराम, श्रीकृष्ण, और पांडव भी पितरों की शांति के लिए यहाँ आए थे। कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन ने यहाँ शस्त्र धोकर पितरों की शांति के लिए पूजा की थी। कपालमोचन मेला प्रशासक एवं एसडीएम बिलासपुर जसपाल गिल ने बताया कि 11 से 15 नवंबर तक आयोजित होने वाले कपालमोचन मेला की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। श्रद्धालुओं के लिए सभी बुनियादी सुविधाएँ सुनिश्चित की जाएंगी और सुरक्षा के लिए लगभग 2500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।