उत्तर प्रदेश : महाकुंभ मेला प्रयागराज के जिला अधिकारी रवींद्र कुमार मंदार ने गुरुवार (30 जनवरी) को यह घोषणा की कि महाकुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की आवाजाही को सहज बनाने के लिए लगाए गए वाहन प्रतिबंध को हटा लिया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए संदेशों को लेकर उन्होंने स्पष्टीकरण दिया, जिसमें दावा किया गया था कि 4 फरवरी तक प्रयागराज में वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा। डीएम ने बताया कि यह दावा पूरी तरह से गलत है और कहा, “डायवर्जन योजना केवल मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दिन लागू की गई थी।” उन्होंने आगे कहा कि 30 जनवरी तक श्रद्धालु अपने स्थानों पर लौट रहे हैं और पुलिस को डायवर्जन और बैरिकेड्स हटाने का आदेश दे दिया गया है। 31 जनवरी, 1 फरवरी और 2 एवं 3 फरवरी को अमृत स्नान के लिए डायवर्जन रहेगा, लेकिन 4 फरवरी को कोई वाहन प्रतिबंध नहीं होगा।हालांकि, डीएम ने यह भी बताया कि बसंत पंचमी के दौरान 2 और 3 फरवरी को डायवर्जन योजना लागू होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश के लिए एक अलग प्रक्रिया होगी, जिसे मेला अधिकारी और डीआईजी द्वारा नियंत्रित किया जाएगा, और इसके लिए विशेष अधिसूचनाएँ जारी की जाएंगी। प्रयागराज कमिश्नरेट क्षेत्र के भीतर वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।इसके अलावा, योगी सरकार ने घोषणा की है कि प्रमुख स्नान के दिनों के दौरान वीआईपी की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के दौरान किसी भी वीआईपी या वीवीआईपी प्रतिनिधिमंडल को विशेष अनुमति नहीं दी जाएगी, साथ ही इन तिथियों के एक दिन पहले और बाद में भी यह प्रतिबंध लागू रहेगा।मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने भी अपना कार्य शुरू कर दिया है, जिसमें 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हर्ष कुमार ने कहा कि वे इस मामले की जांच को प्राथमिकता देंगे और जल्द से जल्द इसे पूरा करने का प्रयास करेंगे।