महाराष्ट्र : उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने हाल ही में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के बढ़ते मामलों के बीच लोगों से अपील की है कि वे अधपके चिकन से बचें। पुणे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पवार ने इस बीमारी के मुर्गी पालन से संबंधित मुद्दों को स्पष्ट किया और कहा कि मुर्गियों को मारने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि खड़कवासला बांध क्षेत्र में जीबीएस के मामलों में हालिया वृद्धि के बाद, कुछ लोगों ने इसे पानी के प्रदूषण और दूसरों ने चिकन खाने से जोड़ा था। हालांकि, विस्तृत जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि मुर्गियों को मारने की कोई आवश्यकता नहीं है।पवार ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने भोजन, खासकर चिकन, को अच्छी तरह से पकाकर खाएं ताकि किसी भी स्वास्थ्य समस्या से बचा जा सके। जीबीएस संक्रमण दूषित पानी और खाद्य पदार्थों, खासकर ‘कैंपिलोबैक्टर जेजुनी’ बैक्टीरिया से हो सकता है। उन्होंने कहा, “चिकित्सक भी सलाह देते हैं कि खाना अच्छी तरह से पकाया जाए। जीबीएस की स्थिति पर नियंत्रण है और मुर्गियों को मारने की कोई आवश्यकता नहीं है।” स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इस दौरान एक नया मामला सामने आया है, जिससे राज्य में संदिग्ध और पुष्टि किए गए मामलों की संख्या बढ़कर 208 हो गई है।
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