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महाराष्ट्र चुनाव से अलग हुए मनोज जरांगे पाटील, एक भी प्रत्याशी नहीं उतारेंगे, जानें इससे किसको मिलेगा लाभ।

महाराष्ट्र : मराठा नेता मनोज जरांगे पाटील ने घोषणा की है कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारेंगे। उनके इस कदम से महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को लाभ होने की संभावना है, क्योंकि मराठा समुदाय के वोट एमवीए को मिल सकते हैं। जरांगे पाटील ने मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठा समुदाय को संगठित किया था, आरोप लगाते हुए कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध नहीं है।जरांगे पाटील ने यह भी स्पष्ट किया कि वे न तो महा विकास अघाड़ी, महायुति और न ही किसी स्वतंत्र उम्मीदवार का समर्थन करेंगे, बल्कि लोगों को खुद ही फैसला करने देंगे कि किसे समर्थन देना चाहिए। उन्होंने कहा, “जो भी मराठा समुदाय के कोटा के खिलाफ काम कर रहा है, उसे हराया जाना चाहिए।”शुरुआत में, जरांगे पाटील ने चुनाव में मराठा उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई थी, लेकिन एमवीए को विश्वास था कि वे इस फैसले से पीछे हटेंगे। एमवीए के एक वरिष्ठ नेता का कहना था कि अगर जरांगे पाटील मराठा उम्मीदवारों को खड़ा करते, तो मराठा वोटों का विभाजन होता और इसका असर पूरे मराठवाड़ा में एमवीए के प्रदर्शन पर पड़ता।

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