यमुनानगर : श्री कपाल मोचन मेला में लगने वाली पशु मंडी ने हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और उत्तर प्रदेश में दशकों से चर्चा बटोरी है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से पशु मंडी का आयोजन नहीं हो पाया, और पिछले साल भी इसकी सूचना देर से मिली, जिससे केवल कुछ ही पशुपालक पहुंचे थे। लेकिन इस बार महीनों पहले ही पशु मंडी के बारे में जानकारी दी गई, जिसका असर यह हुआ कि मेला शुरू होते ही बिलासपुर-चौराही मार्ग पर नीलकंठ पैलेस के पास मंडी लगनी शुरू हो गई। इस दौरान लाडवा के पशुपालक मारवाड़ी नस्ल के घोड़े लेकर पहुंचे, और मंडी में विभिन्न घोड़े व खच्चर दिखने लगे। पशुपालक अब एक-दूसरे से इन जानवरों की खरीद-फरोख्त करेंगे। इस मंडी में आज और कल के दौरान सैकड़ों पशु पालक घोड़े और खच्चर लेकर आएंगे, हालांकि मंडी के पहले दिन तक यहां शौचालयों की व्यवस्था नहीं की गई थी। इससे पशुपालक, खानपान के व्यापारी और अन्य कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पशुपालकों का कहना था कि वे पांच से छह दिन तक मंडी में रहेंगे, इसलिए उनके लिए शौचालय की सुविधा का इंतजाम किया जाना चाहिए। इस पर पशुपालन विभाग के एसडीओ डॉ. सतबीर सिंह ने कहा कि इस समस्या का समाधान जल्द ही किया जाएगा।