कर्नाटक : मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सोमवार को लोकायुक्त पुलिस से मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन मामले में चल रही जांच से जुड़ी जांच के लिए 6 नवंबर को पेश होने के लिए समन मिला। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। यह समन हाल ही में मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू सहित मामले से जुड़े कई अधिकारियों से पूछताछ के बाद आया है। विवाद मुडा योजना पर केंद्रित है जिसके तहत विकसित भूमि का 50 प्रतिशत उन व्यक्तियों को आवंटित किया गया था जिन्होंने आवासीय परियोजनाओं के लिए अविकसित भूमि छोड़ दी थी।सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस प्रक्रिया में अनियमितताएं शामिल थीं जिसके परिणामस्वरूप राज्य को काफी वित्तीय नुकसान हुआ। इसमें शामिल लोगों में सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती भी शामिल हैं, जिन्हें लोकायुक्त पुलिस ने 25 अक्टूबर को तलब किया था। वहीं, मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के अध्यक्ष के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग की। पार्टी ने दावा किया कि सिद्धरमैया जमीन घोटाले में ‘सिर से पांव तक’ लिप्त हैं। सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बीएम को जमीन आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच एमयूडीए के अध्यक्ष के मारीगौड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘एमयूडीए के अध्यक्ष का इस्तीफा और सिद्धरमैया द्वारा जमीन वापस करने की पेशकश से साफ होता है कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री सिर से पांव तक खुद लिप्त हैं। इस बारे में अब कोई संदेह नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिद्धरमैया से कहना चाहता हूं कि अगर आपमें थोड़ी भी नैतिकता बची है तो आपको तुरंत पद छोड़ देना चाहिए।