यमुनानगर : खेतों में पराली जल रही है और अफसर कुछ कर नहीं पा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने अब किसानों के साथ-साथ अब अफसरों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है। रादौर में पराली जलने के अब तक सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। इस पर डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने रादौर के एसडीएम जय प्रकाश को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।जिले में सेटेलाइट के माध्यम से वैसे तो पराली जलाने के 24 मामले पकड़ में आए हैं, लेकिन इनमें से 11 ही ट्रेस हो पाए हैं। इनमें से आठ मामले केवल उपमंडल रादौर से हैं। तीन अभी ट्रेस होने बाकी हैं। ऐसे में सरकार ने अब अधिकारियों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है। पराली जलाने वालों को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार बैठकें की जा रही है।
हालांकि गत वर्ष से तुलना की जाए तो इस बार पराली जलाने की घटनाएं बहुत कम हुई हैं। गत वर्ष कुल 98 मामले पराली जलाने के पकड़े गए थे जबकि इस बार केवल 24 मामले ही सामने आए हैं। इनमें से भी 11 मामले ही ट्रेस हो पाए हैं। तीन केस दूसरे जिलों के मिले हैं। किसान पराली जलाने के मामले में भी होशियारी से काम ले रहे हैं। शाम के समय पराली में आग लगाई जा रही है। इसके तुरंत बाद खेत में पानी देकर उसे ट्रैक्टर से जोत दिया जाता है। ऐसा करने से सेटेलाइट भी आग को पकड़ नहीं पाता।अब तक चार किसानों पर दर्ज हुए मामलेडीसी के निर्देशानुसार खेतों में पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती की जा रही है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. आदित्य डबास की शिकायत पर तीन किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जिन किसानों पर केस दर्ज हुआ है, उनमें थाना बिलासपुर में फतेहगढ़ तुंबी के किसान कर्मचंद, थाना सदर जगाधरी में बुढ़ेड़ी गांव निवासी नायब सिंह और थाना रादौर में गांव सतगौली निवासी किसान हरविंद्र शामिल हैं। इससे पहले घिलौर गांव के किसान पर थाना रादौर में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।