यमुनानगर : कपालमोचन मेले का आनंद लेने के लिए आए लोग बिना अखरोट के वापस नहीं लौटते। मेले में विभिन्न प्रकार के अखरोट मिलते हैं, जिनमें से खासकर जम्मू-कश्मीर का कागजी अखरोट श्रद्धालुओं के बीच बेहद लोकप्रिय है। यह अखरोट इतने नरम होते हैं कि इसे हाथ से हल्का दबाकर ही तोड़ा जा सकता है, और स्वाद में भी बहुत अच्छा होता है। मेले में अखरोट बेचने के लिए कई दुकानें लगी हुई हैं, लेकिन यदि आप श्री ऋणमोचन सरोवर के पास स्थित सहारनपुर के विजनपाल की दुकान पर जाते हैं, तो यहां आपको कागजी अखरोट का अच्छा खासा संग्रह मिलेगा।विजनपाल ने बताया कि वे पिछले 15 वर्षों से कपालमोचन मेले में कागजी अखरोट बेचने के लिए आते हैं। शुरुआत में वे कम मात्रा में अखरोट लाते थे, लेकिन जैसे-जैसे मांग बढ़ी, उन्होंने अखरोट के बैग की संख्या भी बढ़ा दी। वे इन अखरोटों को जम्मू-कश्मीर के बड़े व्यापारियों से खरीदते हैं और फिर सहारनपुर में अपने शाकुंभरी माता मंदिर के पास दुकान लगाते हैं।विजनपाल ने बताया कि इस मेले में वे हर साल करीब 60 बैग लेकर आते हैं, जिसमें से प्रत्येक बैग का वजन 25 किलो होता है। वे मेले की शुरुआत से पहले यहां आकर अपने अखरोट का स्टॉक तैयार कर लेते हैं और मेले के खत्म होने तक लगातार अखरोट भेजते रहते हैं। इस दौरान वे प्रति किलो 300 से 350 रुपये के हिसाब से लगभग 20 से 25 बैग बेचते हैं।
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