यमुनानगर : अंतरराज्यीय कपाल मोचन मेले के दूसरे दिन सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं का आना-जाना लगातार जारी रहा। कई श्रद्धालु मेले की शुरुआत से एक-दो या तीन दिन पहले ही पहुंच चुके थे। इसके अलावा कई परिवार पीढ़ियों से इस मेले में भाग लेने और यहां स्नान, दीपदान तथा अन्य धार्मिक कार्यों को निभाने की परंपरा का पालन कर रहे हैं। पंजाब के लुधियाना से आए श्रद्धालु सरदूल सिंह और गुरसेवक ने बताया कि उनके परिवार की कई पीढ़ियों से कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले इस मेले में भाग लेने की परंपरा रही है। वे बुजुर्गों से कपाल मोचन तीर्थ और इस मेले का महत्व सुन चुके हैं, जिसके कारण हर साल वे यहां आकर स्नान, दीपदान और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इस बार भी उन्होंने एकादशी पर स्नान किया और अब पूर्णिमा के स्नान तक यहां ठहरे हुए हैं। मालेरकोटला से आए समेरचंद और भप्पी सिंह ने बताया कि वे दो दिन पहले ही यहां पहुंचे थे और लगातार तीन दिन तक सरोवरों में स्नान, दीपदान और तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के बाद, यहां की दुकानों से खरीदारी की और अब लौटने की तैयारी कर रहे हैं।इसके अतिरिक्त, हजारों श्रद्धालु मंगलवार को एकादशी पर तीनों पवित्र सरोवरों में स्नान करने के बाद तीर्थ स्थलों पर दीपदान और पूजा अर्चना करने के साथ-साथ खरीदारी भी कर रहे थे। दूसरे दिन हजारों और श्रद्धालु मेले में शामिल होने के लिए पहुंचे और पूर्णिमा के स्नान तक सैकड़ों तंबुओं और विभिन्न धर्मशालाओं में विश्राम किया।