महाराष्ट्र : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि भारत की 64 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए गांवों का विकास बेहद आवश्यक है। उन्होंने 45 पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान करते हुए इस बात पर जोर दिया कि पिछले दशक में पंचायतों के सशक्तीकरण के लिए सरकार ने अनेक ठोस कदम उठाए हैं।राष्ट्रपति ने कहा, “आत्मनिर्भर और मजबूत स्थानीय निकायों पर ही विकसित भारत की नींव रखी जा सकती है। पंचायतों को अपने राजस्व के स्रोत बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करना चाहिए। यह आत्मनिर्भरता ग्राम सभाओं को आत्मविश्वास देगी और देश को मजबूती प्रदान करेगी।”एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि देश की अधिकांश आबादी गांवों में निवास करती है, जिससे गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों का विकास भारत के समग्र विकास के लिए अनिवार्य हो जाता है।इस अवसर पर जमीनी स्तर पर समावेशी और सतत विकास के लिए अपने अनुकरणीय प्रयासों के लिए सम्मानित 45 पंचायतों में से 17 का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। राष्ट्रपति ने इन पंचायतों के प्रयासों की सराहना करते हुए विजेताओं को बधाई दी और कहा कि यह पुरस्कार उनके समर्पण और योगदान का प्रमाण है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सम्मान अन्य पंचायतों को भी प्रेरित करेगा और ग्राम विकास में सकारात्मक योगदान के लिए प्रोत्साहित करेगा।उन्होंने यह भी कहा कि पंचायती राज संस्थाएं महिलाओं को राजनीतिक रूप से सशक्त बना रही हैं। उन्होंने इसे सुखद संकेत बताते हुए कहा कि महिला प्रतिनिधि जमीनी स्तर पर बदलाव लाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। राष्ट्रपति ने महिला प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे निडर होकर और पूरी दक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें।