महाराष्ट्र : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को मुंबई में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र का चुनाव विचारधाराओं की लड़ाई है और गरीबों एवं चंद अरबपतियों के बीच का संघर्ष है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अरबपति मुंबई की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं और इसमें भारी धनराशि का लेन-देन शामिल है। उन्होंने दावा किया कि अनुमानित रूप से 1 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति एक बड़े उद्योगपति को सौंपे जाने की योजना है।राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगियों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सत्ता और आर्थिक लाभ को कुछ गिने-चुने लोगों तक सीमित रखने की रणनीति है। उन्होंने सवाल उठाया कि “एक” कौन है और “सेफ” किसका है, और इसे सीधे तौर पर प्रधानमंत्री, उद्योगपति गौतम अडानी और गृह मंत्री अमित शाह से जोड़ा। उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा महाराष्ट्र की आम जनता और धारावी के निवासियों को भुगतना पड़ेगा।राहुल ने कांग्रेस की प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए बताया कि उनकी पार्टी गरीबों, किसानों और बेरोजगारों के पक्ष में खड़ी है। उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को चुनाव का केंद्र बताते हुए वादा किया कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई, तो महिलाओं को हर महीने 3000 रुपये दिए जाएंगे, फ्री बस सेवा उपलब्ध होगी, किसानों का 3 लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जाएगा, और सोयाबीन के लिए 7,000 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होगा। प्याज और कपास के लिए उचित मूल्य निर्धारण की भी योजना होगी।इसके अलावा, राहुल ने जातिगत जनगणना कराने, 25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराने, बेरोजगार युवाओं को 4000 रुपये प्रतिमाह देने और ढाई लाख सरकारी नौकरियां प्रदान करने की बात कही। उन्होंने धारावी के मुद्दे पर स्पष्ट किया कि वहां की जमीन के असली हकदार वहां के निवासी हैं, और इसे बाहरी उद्योगपतियों को नहीं सौंपा जाना चाहिए।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश के एयरपोर्ट, पोर्ट, रक्षा उद्योग और धारावी जैसी संपत्तियां एक विशेष व्यक्ति के पक्ष में जा रही हैं, और इसके लिए सरकारी एजेंसियों का उपयोग दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। राहुल ने मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये मुद्दे जानबूझकर दबाए जा रहे हैं, लेकिन जनता को इन वास्तविकताओं का एहसास है।