दिल्ली : लोकसभा में चीन को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। उनके दावों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि राहुल गांधी ने 3 फरवरी 2025 को संसद में भारत-चीन सीमा को लेकर सेना प्रमुख के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया। राजनाथ सिंह के अनुसार, सेना प्रमुख ने केवल गश्त में कुछ व्यवधान का जिक्र किया था, जिसे हाल में सामान्य स्थिति में बहाल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस विषय पर संसद में विस्तृत जानकारी दी है और राहुल गांधी के आरोप गलत हैं।रक्षा मंत्री ने राहुल गांधी पर गैर-जिम्मेदाराना राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चीन के कब्जे वाला क्षेत्र 1962 के युद्ध के दौरान अक्साई चिन में खोया गया था और 1963 में पाकिस्तान ने अवैध रूप से 5,180 वर्ग किलोमीटर चीन को सौंपा था। उन्होंने सुझाव दिया कि राहुल गांधी को इस ऐतिहासिक संदर्भ पर आत्मचिंतन करना चाहिए।इस मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी राहुल गांधी पर तीखा हमला किया। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि लोकसभा में राहुल गांधी के बयानों को सत्यापित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल ने चीन की तारीफ ऐसे की मानो वे पड़ोसी देश के प्रवक्ता हों।रिजिजू ने यह भी कहा कि 1959 और 1962 में चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया था, जिसके लिए राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उस समय पंडित नेहरू प्रधानमंत्री थे। उन्होंने संसद के भीतर देश का अपमान बर्दाश्त न करने की बात भी कही।राहुल गांधी ने अपने भाषण में भारत की रक्षा तैयारियों और मेक इन इंडिया पहल की विफलता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत चीनी निर्मित घटकों पर निर्भर हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन भारत के क्षेत्र में अंदर तक घुसा हुआ है। इस दौरान किरेन रिजिजू ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सदन में गंभीर मुद्दों पर बिना तथ्यों के बयान नहीं दिए जा सकते। भाजपा नेता विनोद तावड़े ने सोशल मीडिया पर लिखा कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में 45 मिनट में 34 बार चीन का उल्लेख किया। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि आखिर राहुल गांधी और चीन के बीच यह विशेष संबंध क्या है?
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