राजस्थान : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना (पीकेसी) का नाम बदलकर “रामजल सेतु लिंक परियोजना” कर दिया है। पिछले साल 17 दिसंबर को इस परियोजना के लिए मेमोरेंडम ऑफ असोसिएशन (एमओए) पर हस्ताक्षर के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों के जल को “राम सेतु जल संकल्प कलश” में समर्पित किया था।बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर इस परियोजना के नामकरण समारोह में शर्मा ने इसका पोस्टर जारी किया। उन्होंने कहा कि आज के दिन पिछले वर्ष भगवान श्रीराम अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए थे, जो 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद संभव हुआ। श्रीराम ने सत्य की विजय के लिए समुद्र पर पुल बनाकर दो किनारों को जोड़ा था, और इसी प्रेरणा से नदियों को जोड़ने की यह परियोजना तैयार की गई है।मुख्यमंत्री शर्मा ने इसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राजस्थान और मध्य प्रदेश को समृद्धि की दिशा में बढ़ाने वाला कदम बताया। उन्होंने यह भी कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा नदियों को जोड़ने के जो सपने देखे गए थे, उन्हें साकार करने के लिए यह परियोजना एक बड़ा कदम है। इस योजना के माध्यम से राजस्थान की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या को पीने और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा।इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चंबल नदी और इसकी सहायक नदियों – कुन्नू, कूल, पार्वती, कालीसिंध और मेज – के अधिशेष जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, रूपारेल, पर्वतनी और गंभीर नदी घाटियों में स्थानांतरित किया जाएगा।