मुंबई : टाटा संस के मानद चेयरमैन रहे रत्न टाटा का नौ अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रत्न टाटा ने अंतिम सांस ली है। उनका उम्र संबंधी कई बीमारियों का इलाज इस अस्पताल में चल रहा था। निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर रात को ही उनके घर ले जाया गया है। अब गुरुवार को रतन टाटा अपने अंतिम सफर पर निकल पड़े है।रत्न टाटा के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने के लिए मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स हॉल में तैयारी की गई है। उनका पार्थिव शरीर हॉल में रखा गया है जहां कई दिग्गजों से लेकर आम जनता उनके अंतिम दर्शन कर सकेगी। माना जा रहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भारत सरकार की ओर से रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।रत्न टाटा ने सफलता की तमाम ऊंचाइयों को छुआ। उनके काम करने का अंदाज भी बेहद निराला था। टाटा ने अपनी ही कंपनी में कर्मचारी बनकर काम किया। इसके अलावा उन्होंने अपने कारोबार से होने वाली आमदनी का 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सा दान की जिससे देश के सबसे बड़े दानवीरों की सूची में उनका नाम है।
बता दें कि रतन टाटा का पार्थिव शरीर कोलाबा स्थित उनके घर ले जाया गया था। यहां उनके परिवार के सदस्य अस्पताल से निकल चुके है। रतन टाटा के पार्थिव शरीर को वर्ली श्मशान घाट ले जाया जाएगा। बता दें कि इसी जगह पर साइरस मिस्त्री का अंतिम संस्कार किया गया था।रतन टाटा के निधन पर मुंबई पुलिस के दक्षिण क्षेत्र के अतिरिक्त आयुक्त अभिनव देशमुख का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि रतन टाटा जी के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स हॉल में रखा गया है। यहां पुलिस की ओर से सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त किया गया है।दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। राजकीय शोक के कारण सभी सरकारी इमारतों पर लगे राष्ट्रध्वज को आधा झुकाया जाएगा। सरकार ने स्कूल कॉलेजों समेत सभी जगह 10 अक्टूबर को होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। रतन टाटा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।