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आरएसएस प्रमुख : भारत सेवा और परोपकार के लिए तत्पर, विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर

दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि दुनिया को एक ‘मार्गदर्शक’ की आवश्यकता है और भारत इस भूमिका को निभा सकता है। वह ‘विश्वगुरु भारत’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधन कर रहे थे।उन्होंने कहा, “सभी का मानना है कि भारत को ‘विश्वगुरु’ बनना चाहिए। दुनिया आज सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रही है, सुविधाओं और सेवाओं में सुधार हुआ है, लेकिन शांति का अभाव अभी भी बना हुआ है। कुछ हिस्सों में युद्ध जारी हैं, और प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। कभी बारिश नहीं होती, और कभी अत्यधिक बारिश से नुकसान होता है।”भागवत ने कहा, “दुनिया को एक मार्गदर्शक की आवश्यकता है और भारत इस भूमिका को निभाने के लिए सक्षम है। हमारा देश परोपकार के लिए तैयार है। हमें सभी धर्मों और विश्वासों का सम्मान करना चाहिए और सद्भावना के साथ रहना चाहिए।”संविधान के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इसकी प्रस्तावना और नागरिकों के अधिकार स्थिर और अटल हैं, जिन्हें बदला नहीं जा सकता।

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