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2025 के महाकुंभ में पूर्वोत्तर के साधु भी शामिल होंगे और इस बार वे अखाड़ों में मिलकर पुण्य स्नान करेंगे।

उत्तर प्रदेश : महाकुंभ 2025 इस बार खास होने वाला है, क्योंकि इसमें कुछ अनूठी घटनाएँ होने जा रही हैं जो पहले कभी नहीं देखी गईं। इस बार विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत को समर्पित एक विशेष शिविर स्थापित किया गया है। मौनी अमावस्या के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस आयोजन में भाग लेंगे। खास बात यह है कि इस वर्ष मौनी अमावस्या पर पूर्वोत्तर से संत और तपस्वी संगम में स्नान करेंगे। 20 संत इस अवसर पर अखाड़ों के साथ अमृत स्नान में भाग लेंगे।प्रयागराज मेला प्रशासन के मुताबिक, मौनी अमावस्या के दिन पूर्वोत्तर के संत संगम में डुबकी लगाएंगे। सेक्टर सात में प्राग्ज्योतिष क्षेत्र के शिविर में निर्वाणी अनी अखाड़ा स्थापित किया गया है। महंत केशव दास जी महाराज ने बताया कि इस बार 22 संत अमृत स्नान में भाग लेंगे, जिनमें से अधिकतर पहली बार इस पवित्र स्नान का हिस्सा बनेंगे।इस महाकुंभ में पूर्वोत्तर शिविर को लेकर उत्साह बढ़ रहा है, और लाखों लोग यहां आकर्षित हो रहे हैं। 17 दिनों में 15 करोड़ से ज्यादा लोग गंगा और संगम में स्नान कर चुके हैं, और मौनी अमावस्या के दिन 10 करोड़ और श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। प्रशासन ने पूरी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है, जिसमें एआई संचालित सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के माध्यम से लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।उत्तर प्रदेश सरकार ने भी मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करने की योजना बनाई है। महाकुंभ का अमृत स्नान, जिसे पहले शाही स्नान कहा जाता था, इस मेले का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र स्नान मानी जाती है, जिसमें दुनियाभर से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने आते हैं।

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