उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सनातन धर्म की परंपरा दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति है और इसकी तुलना किसी भी धर्म और सम्प्रदाय से नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि हमारे पास हजारों वर्षों की समृद्ध विरासत है, जिसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराएं भी उतनी ही प्राचीन हैं। योगी ने कहा, “सनातन की परंपरा आकाश से भी ऊंची है और इसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती।” यह बयान मुख्यमंत्री ने एक निजी समाचार चैनल द्वारा आयोजित महाकुंभ महासम्मेलन कार्यक्रम के दौरान दिया।महाकुंभ के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, “देवासुर संग्राम के बाद अमृत की बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। इन स्थानों पर महाकुंभ का आयोजन भारत के ज्ञान, चिंतन और सामाजिक दिशा को निर्धारित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।योगी आदित्यनाथ ने 2019 के प्रयागराज कुम्भ का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे आधुनिक तकनीक, प्रबंधन और संस्कृति के बीच संतुलन स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि यह प्रयास आगामी महाकुम्भ में भी जारी रहेगा।राष्ट्रीय एकता और हिंदू एकता पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “सनातन धर्म हमेशा शिखर पर रहा है। हिंदू एकता और राष्ट्रीय एकता एक-दूसरे के पूरक हैं। इतिहास गवाह है कि जब हम बंटे हैं, तो कमजोर हुए हैं, और जब हम एकजुट हुए हैं, तो अजेय बने हैं। यही कारण है कि मैंने पहले कहा था कि बंटोगे तो कटोगे, और एक रहोगे तो नेक रहोगे।”वक्फ बोर्ड के नाम पर भूमि कब्जे के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाया और कहा कि यह समझना कठिन है कि वक्फ बोर्ड है या भू-माफियाओं का बोर्ड। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन किया है और हम एक-एक इंच भूमि की जांच करवा रहे हैं। जो लोग वक्फ के नाम पर भूमि कब्जा कर रहे हैं, उनसे भूमि वापस ली जाएगी और वहां गरीबों के लिए आवास, शिक्षण संस्थान और अस्पताल बनाए जाएंगे।”संभल में धार्मिक स्थलों पर विवाद का उल्लेख करते हुए योगी ने कहा कि वहां श्रीहरि विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का उल्लेख पुराणों में मिलता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग धार्मिक स्थलों को तोड़कर उन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ने न्यायालय के आदेशों के अनुसार कार्रवाई की और दंगाइयों को कड़ा संदेश दिया।”धर्म परिवर्तन और घर वापसी के मुद्दे पर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति अंतर्मन से अपने धर्म में लौटना चाहता है, तो उसका स्वागत होना चाहिए। यह धर्म और परंपरा के प्रति जागरूकता का संकेत है।”