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संजय राउत ने मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “‘RSS प्रमुख सम्माननीय व्यक्ति हैं लेकिन…'”।

मध्य प्रदेश : शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बयान “गलत” है कि जिस दिन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई, उस दिन भारत को आज़ादी मिली। उन्होंने यह भी कहा कि भागवत को रामलला के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, क्योंकि तभी देश सही मायने में स्वतंत्र होगा। राउत ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह देश के लिए गर्व का पल है, जिसमें सभी का योगदान है।राज्यसभा में शिवसेना (यूबीटी) के सांसद राउत ने संवाददाताओं से कहा कि मोहन भागवत का यह कहना कि उस दिन भारत को आज़ादी मिली थी, पूरी तरह गलत है क्योंकि रामलला सदियों से इस देश में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि हम पहले भी रामलला के लिए आंदोलन कर चुके हैं और आगे भी करते रहेंगे। राउत ने यह भी कहा कि भागवत को रामलला के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, तभी देश असली आज़ादी का अनुभव करेगा।राउत ने आरएसएस प्रमुख को सम्मानित व्यक्ति बताया, लेकिन यह भी कहा कि वह संविधान के निर्माता नहीं हैं। वह न तो कानून बना सकते हैं, न ही उसे बदल सकते हैं। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह देश के लिए गौरव की बात है और इसमें सभी का योगदान रहा है।मोहन भागवत ने सोमवार को इंदौर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत की परंपरा भगवान राम, कृष्ण और शिव से शुरू हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई, उस दिन भारत को वास्तविक स्वतंत्रता प्राप्त हुई। भागवत ने कहा कि भारत को स्वतंत्रता तो मिली थी, लेकिन उसकी सच्ची स्थापना राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन हुई।

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