दिल्ली : विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। पार्टी ने एक व्यापक जन संपर्क अभियान की शुरुआत की है, जिसमें सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को निशाना बनाया जा रहा है। भाजपा का मुख्य ध्यान अनुसूचित जाति (एससी) और झुग्गी-झोपड़ी वाले क्षेत्रों पर केंद्रित है, जहां 12 आरक्षित सीटें हैं। 2020 के चुनाव में आप ने इन सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी, और स्लम इलाकों में उसका मजबूत जनाधार माना जाता है। इस बार भाजपा ने इन इलाकों में आप को चुनौती देने के लिए व्यापक रणनीति बनाई है।भाजपा के राज्य नेता इन क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और आप सरकार को उनके वादों को पूरा न करने के मुद्दे पर घेरने की योजना बना रहे हैं। जन संपर्क अभियान के पहले चरण को इस सप्ताह के अंत तक समाप्त करने का लक्ष्य है। भाजपा के दिल्ली चुनाव सह-प्रभारी ने जानकारी दी कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से छह जिलों का दौरा किया है। इसमें संगठनात्मक बैठकों और जन संपर्क कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि सप्ताहांत तक दिल्ली के सभी जिलों को कवर करने का प्रयास किया जाएगा।भाजपा नेता शहर में निवासी कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए) और हाउसिंग कॉलोनियों में ‘संवाद’ कार्यक्रम भी आयोजित कर रहे हैं, जिसमें पार्टी के अन्य नेता भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। आगामी चुनाव में भाजपा एनडीए सहयोगियों को भी शामिल कर सीटों का बंटवारा करने की योजना बना रही है।2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बुराड़ी और संगम विहार की सीटें जेडीयू को दी थीं। आगामी चुनाव में भी यह गठबंधन जारी रहने की संभावना है। जेडीयू सूत्रों के अनुसार, फिलहाल यह चर्चा चल रही है कि वह कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन वह भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है। एनडीए के अन्य सहयोगी, जैसे एलजेपी (रामविलास) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), भी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। ये पार्टियां अनुसूचित जाति आरक्षित सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही हैं।