आंध्र प्रदेश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आंध्र प्रदेश में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिसका उद्देश्य राज्य के बुनियादी ढांचे, अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी को सशक्त बनाना है। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने विशाखापत्तनम में पीएम मोदी का स्वागत किया।अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आंध्र प्रदेश एक ऐसा राज्य है जो संभावनाओं और अवसरों से भरा हुआ है। जब इस राज्य की इन संभावनाओं को साकार किया जाएगा, तभी प्रदेश और देश का समग्र विकास होगा। उन्होंने कहा, “आंध्र प्रदेश का विकास हमारी प्राथमिकता है और आंध्र के लोगों की सेवा हमारा संकल्प है।”मोदी ने यह भी बताया कि आंध्र प्रदेश अपने नवाचारों और तकनीकी दृष्टिकोण के कारण आईटी और प्रौद्योगिकी का एक बड़ा केंद्र बन चुका है। अब समय आ गया है कि आंध्र प्रदेश नई, भविष्य-oriented प्रौद्योगिकियों का प्रमुख केंद्र बने। उन्होंने कहा कि राज्य ने 2047 तक 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है, और इसके लिए चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने ‘स्वर्ण आंध्र 2047’ पहल शुरू की है, जिसमें केंद्र सरकार पूरा सहयोग करेगी प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश उभरती प्रौद्योगिकियों, जैसे हरित हाइड्रोजन, में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। 2023 में शुरू किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। इसके लिए विशाखापत्तनम में एक हरित हाइड्रोजन हब स्थापित किया जाएगा।उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार शहरीकरण को एक अवसर मानती है, और आंध्र प्रदेश को नए युग के शहरीकरण का आदर्श बनाना चाहती है। इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए कृष्णापट्टनम इंडस्ट्रियल सिटी (KRIS सिटी) की आधारशिला भी रखी गई।प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश की समुद्र से जुड़ी संभावनाओं का पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए नीली अर्थव्यवस्था को मिशन मोड में बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने राज्य के मछुआरों की आय और व्यवसाय को बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया, साथ ही मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं भी प्रदान की हैं। समुद्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।