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मणिपुर के मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग की गई, जिस पर CJI ने यह प्रतिक्रिया दी।

मणिपुर : कुकी संगठन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर राज्य में जातीय हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और लीक हुए ऑडियो क्लिप की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करते हुए याचिका पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया। इस मामले में संगठन के वकील प्रशांत भूषण ने सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष मामले को उठाया। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, भूषण ने बताया कि पहले के आदेश के मुताबिक, तत्कालीन सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने उन्हें ऑडियो क्लिप्स की प्रामाणिकता के सबूत प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इसके तहत, उन्होंने क्लिप्स को सत्यापन के लिए ट्रुथ लैब्स भेजा था और एक विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त की, जिसे याचिका के साथ दाखिल किया गया। सीजेआई ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया जाए और इसे उनके समक्ष रखा जाए। भूषण ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता को मणिपुर में उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। सीजेआई ने यह भी कहा कि सुनवाई की तिथि निर्धारित की जाएगी, यह प्रक्रिया के अनुसार तय होगा। इससे पहले भूषण ने कहा था कि क्लिप में ऐसी बातें हैं जो चिंताजनक हैं और सीएम को यह स्वीकार करते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने हिंसा को बढ़ावा दिया और हमलावरों को बचाया। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने याचिका पर कड़ी आपत्ति जताई थी। न्यायालय ने इस मामले में कहा था कि ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता को लेकर दलीलें पेश करने से पहले, याचिकाकर्ता को इस संबंध में सामग्री दाखिल करने की अनुमति दी जाएगी। पीठ ने यह भी रेखांकित किया कि प्रारंभिक आपत्ति के तहत यह सवाल उठाया गया था कि याचिकाकर्ता को पहले उच्च न्यायालय से संपर्क करना चाहिए था।

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