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इन 6 लोगों को भूलकर भी नहीं खाना चाहिए अखरोट

हेल्थ : अखरोट खाने से कई फ़ायदे होते हैं, लेकिन इन लोगों को अखरोट नहीं खाना चाहिए:जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर है,उन्हें अखरोट नहीं खाना चाहिए. अखरोट में मौजूद टायरामाइन नाम का अमीनो एसिड हार्टबीट को अनियमित कर सकता है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ा सकता है,जिन लोगों को पाचन से जुड़ी समस्या है, उन्हें अखरोट नहीं खाना चाहिए. अखरोट में मौजूद ऑक्सलेट पाचन पर असर डाल सकता है और गैस और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं,जिन लोगों को अल्सर, एसिडिटी, या गैस्ट्राइटिस जैसी पेट से जुड़ी समस्याएं हैं, उन्हें अखरोट नहीं खाना चाहिए. अखरोट में मौजूद तेल और फ़ैट पेट में एसिड लेवल को बढ़ा सकते हैं,जिन लोगों को नट्स से एलर्जी है, उन्हें अखरोट नहीं खाना चाहिए. अखरोट खाने के बाद अगर सांस लेने में तकलीफ़ हो, पित्ती या रैशेस आएं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए,जिन लोगों को पहले से गुर्दे में पथरी है, उन्हें अखरोट नहीं खाना चाहिए. अखरोट में मौजूद ऑक्सलेट की वजह से किडनी में पथरी होने की आशंका बढ़ जाती है,हड्डियां बनाए मजबूत: अखरोट में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड कमजोर हड्डियों वाले लोगों के लिए वरदान है। अगर आपकी हड्डियों में हमेशा दर्द रहता है तो रोज़ाना सुबह के समय खाली पेट भीगे हुए अखरोट का सेवन करें। स्किन के लिए फायदेमंद: अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन बी6 आपकी स्किन की सेहत के लिए कारगर है।
स्टडी के अनुसार, प्रतिदिन आप एक मुट्ठी अखरोट खा सकते हैं. ये लगभग 28 ग्राम होता है. यह आपके मस्तिष्क को स्वस्थ रखने, उसे कॉग्निटिव लाभ पहुंचाने के लिए लिए पर्याप्त है. एक मुट्ठी अखरोट आपको पर्याप्त मात्रा एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा-3 फैटी एसिड, अन्य पोषक तत्व प्रदान करते हैं,एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर अखरोट का सेवन हर सुबह खाली पेट किया जाए तो याददाश्त को स्ट्रॉन्ग बनाया जाता है। अखरोट का सेवन मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करता है। रोजाना अखरोट का सेवन करने से ब्रेन को एनर्जी मिलती है, याददाश्त मजबूत होती है और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।अखरोट अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) का एक बेहतरीन स्रोत है, जो एक ओमेगा-3 फैटी एसिड है जो सूजन को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। वास्तव में, यह एकमात्र ऐसा अखरोट है जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा काफी अधिक होती है। उनके सूजनरोधी यौगिक हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं।

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