उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीनदयाल उपाध्याय की 57वीं पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में महाकुंभ में वीआईपी स्नान के दावों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ आस्था और एकता का प्रतीक है, जहां भक्त जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र की सीमाओं से परे एक साथ आते हैं। उन्होंने सवाल किया कि नकारात्मकता फैलाने वाले लोग कौन हैं? मुख्यमंत्री के अनुसार, ये वही लोग हैं जिन्होंने हमेशा सरकार से विशेष सुविधाएं लीं और अपने हितों को आगे बढ़ाने की कोशिश की।योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये लोग झूठी अफवाहें फैलाकर भारत और सनातन परंपरा के खिलाफ खड़े हैं। उनका यह बयान उस समय आया जब प्रयागराज में 29 जनवरी को हुई भगदड़ में कम से कम 30 श्रद्धालुओं की मौत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार पर “वीआईपी संस्कृति” और “प्रशासनिक कुप्रबंधन” के आरोप लगाए जा रहे थे।मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले 29 दिनों में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं, जो अपने आप में ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने इसे असाधारण बताते हुए कहा कि भारत और चीन के अलावा किसी भी देश की कुल जनसंख्या इतनी नहीं है।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ लोग महाकुंभ को वीआईपी स्नान से जोड़कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि असल में यह आयोजन समरसता और श्रद्धा का मेल है, जहां सभी भक्त समान रूप से शामिल होते हैं।इस बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस घटना को लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए। उन्होंने कुप्रबंधन और लापरवाही को त्रासदी का मुख्य कारण बताया और आरोप लगाया कि प्रशासन आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर ध्यान देने के बजाय वीआईपी व्यवस्थाओं को प्राथमिकता दे रहा था।
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