गुजरात : सूरत जिले की एक ‘पॉक्सो’ अदालत ने अक्टूबर 2024 में नवरात्र उत्सव के दौरान एक 17 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के आरोप में दो व्यक्तियों को दोषी ठहराया है। अदालत अब दोषियों को 17 फरवरी को सजा सुनाएगी। विशेष न्यायाधीश वी वी परमार की अदालत ने मुन्ना पासवान और राजू विश्वकर्मा को दोषी पाया। तीसरे आरोपी शिव शंकर उर्फ दयाशंकर चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद अस्पताल में मेडिकल जांच के दौरान सांस लेने में कठिनाई के कारण मृत्यु हो गई। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और पॉक्सो अधिनियम, साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे। अदालत ने 47 गवाहों की गवाही, जिनमें चिकित्सीय विशेषज्ञ और पीड़िता के दोस्त शामिल थे, को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया। रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना 8 अक्टूबर की रात को सूरत के कोसांबा पुलिस थाने के अंतर्गत मंगरोल तालुका के एक सुनसान स्थान पर हुई थी।
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