उत्तराखंड : में मौसमी इन्फ्लूएंजा और मानव मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से जुड़े संभावित खतरे के मद्देनजर सरकार ने विशेष सतर्कता बरतते हुए एडवाइजरी जारी की है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय ने संक्रमण से बचाव और नियंत्रण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।एडवाइजरी में सर्दियों के दौरान श्वसन रोगों की बढ़ती संभावना को ध्यान में रखते हुए कई एहतियाती कदम सुझाए गए हैं। इसमें व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने, मास्क पहनने, और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने की सलाह दी गई है। लोगों को छींकते या खांसते समय मुंह और नाक ढकने और हाथों की सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।सरकार ने जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं सुनिश्चित करें। आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू, वेंटिलेटर, और दवाओं का पर्याप्त भंडार बनाए रखने का आदेश दिया गया है। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं।दिशा-निर्देशों में बच्चों, बुज़ुर्गों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए विशेष देखभाल का सुझाव दिया गया है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचने, इस्तेमाल किए गए टिशू को पुनः उपयोग न करने, और बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लेने की हिदायत दी गई है।एचएमपीवी सामान्य सर्दी के लक्षणों जैसे खांसी, बुखार, और गले में खराश के रूप में प्रकट होता है और आमतौर पर तीन से पांच दिनों में ठीक हो जाता है। हालांकि, गंभीर लक्षणों पर डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। रोगियों को पौष्टिक भोजन और तरल पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी गई स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। सरकार ने इस दिशा में व्यापक प्रचार अभियान चलाने का निर्णय लिया है ताकि लोग सही जानकारी प्राप्त कर सतर्क रह सकें।सरकार की इस पहल का उद्देश्य न केवल संक्रमण को रोकना है, बल्कि लोगों के बीच जागरूकता फैलाकर उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित रखना है।