दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में मराठी दैनिक लोकसत्ता के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गणेश पूजा के अवसर पर उनके घर की यात्रा के बारे में प्रतिक्रिया दी, जिस पर राजनीतिक विवाद खड़ा हुआ था। सीजेआई चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि ऐसी बैठकों में किसी भी न्यायिक मामले पर चर्चा नहीं होती। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के साथ नियमित बैठक करना एक परंपरा है।सीजेआई ने यह भी कहा कि लोगों को अक्सर आश्चर्य होता है कि इन बैठकों की जरूरत क्यों होती है। उन्होंने समझाया कि हमारे राजनीतिक ढांचे की परिपक्वता इस बात में है कि राजनीतिक वर्ग के पास भी न्यायपालिका के प्रति अत्यधिक सम्मान है। न्यायपालिका का बजट राज्य सरकार से आता है, और यह न्यायाधीशों के लिए नहीं, बल्कि नए अदालत भवनों, जिलों में न्यायाधीशों के आवास आदि आवश्यकताओं के लिए होता है। इसी के लिए मुख्य न्यायाधीश और मुख्यमंत्री के बीच बैठकें जरूरी होती हैं।10 सितंबर को गणेश पूजा के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के सीजेआई के आवास पर जाने से विवाद उत्पन्न हुआ था। कांग्रेस ने इसे अनुचित परंपरा बताते हुए पीएम मोदी की आलोचना की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया था कि वे सीजेआई के घर पर गणेश पूजा में शामिल हुए।कार्यक्रम के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने सुधार की संभावनाओं के बारे में बात की और कहा कि हर संस्थान में सुधार की गुंजाइश होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसमें बुनियादी तौर पर कोई कमी है। कॉलेजियम सिस्टम पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने बताया कि यह एक संघीय प्रणाली है, जहां जिम्मेदारी केंद्र, राज्य सरकारों और न्यायपालिका के बीच साझा की गई है।