मध्य प्रदेश : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान किया। इसी बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तंज कसते हुए सवाल किया कि क्या गंगा में स्नान करने से गरीबी खत्म हो जाएगी? उन्होंने भाजपा नेताओं पर यह कहते हुए कटाक्ष किया कि उनके बीच कैमरे के सामने स्नान करने की होड़ मची हुई है। खरगे ने “जय बापू, जय भीम, जय संविधान” रैली में कहा कि भाजपा नेता तब तक स्नान करते रहते हैं जब तक यह कैमरे में अच्छी तरह कैद न हो जाए। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से नहीं है।खरगे ने कहा, “अगर किसी को मेरी बात से ठेस पहुंची हो, तो मैं माफी मांगता हूं। लेकिन यह बताइए, क्या गंगा में स्नान करने से भूख मिट जाती है? क्या इससे गरीबों का जीवन सुधरता है? क्या इससे मजदूरों को उनका अधिकार मिल जाता है?” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धर्म और आस्था का सम्मान करते हुए गरीबों के शोषण और समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।कांग्रेस प्रमुख ने यह भी कहा कि जब देश में बच्चे भूख से जूझ रहे हैं, मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा है, और शिक्षा का अभाव है, तब ऐसे आयोजनों पर हजारों रुपये खर्च करना सही नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारी आस्था भगवान में है, लेकिन धर्म के नाम पर गरीबों का शोषण अस्वीकार्य है।”यह बयान गृह मंत्री अमित शाह के प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करने के कुछ घंटे बाद आया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी वहां अलग से स्नान किया। अमित शाह ने इस दौरान कई शीर्ष संतों से भी मुलाकात की।
