यमुनानगर : निरोगी हरियाणा योजना की शुरूआत हुए 22 नवंबर को दो साल पूरे होने वाले हैं। फिर भी स्वास्थ्य विभाग सभी जिलों में मिलकर भी 50 प्रतिशत लोगों के स्वास्थ्य की जांच नहीं कर पाया है। प्रदेशभर में 25 सितंबर तक केवल 49.44 प्रतिशत लोगों की ही जांच हो सकी है। यमुनानगर जिला योजना में नौवे स्थान पर है। लोगों का स्वास्थ्य जांचने में पंचकूला सबसे आगे है। पंचकूला में 80.89 प्रतिशत लोगों की जांच की जा चुकी है।
पलवल व कुरुक्षेत्र इस दौड़ में सबसे ज्यादा पिछड़े हुए हैं। पलवल में सबसे कम 34.13 प्रतिशत और कुरुक्षेत्र में 37.72 प्रतिशत लोगों की जांच का काम ही पूरा हो पाया है। दो साल पहले जब निरोगी योजना की शुरुआत हुई थी तो प्रदेश में एक करोड़ 5967237 लोगों के स्वास्थ्य की जांच करने का लक्षण रखा गया था। जिसमें से अब 7893488 लोगों की जांच अब तक हो चुकी है। इनकी रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि 712247 लोग किसी न किसी बीमारी से जकड़े हुए हैं।
इनमें सबसे ज्यादा 254961 लोगों में खून की कमी, 104860 लोग उच्च रक्तचाप, 82164 शुगर, 3131 लोग टीबी, 6128 बच्चे कुपोषित, 1382 बच्चे जन्म के समय कम वजन के, 859 लोग कैंसर, 5789 ह्रदय रोगी, 533 लोग आघात व 252440 लोग अन्य बीमारियों के मिले हैं। वहीं इनमें से 72605 लोग ऐसी हालत में मिले जिन्हें पीजीआई या अन्य मेडिकल कॉलेज में रेफर करना पड़ा। जांच के दौरान जो लोग बीमार मिले हैं उनका उपचार स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराया जा रहा है।
जिन परिवारों की सालाना आय एक लाख 80 हजार रुपये है वह निरोगी हरियाणा योजना के दायरे में आते हैं। ऐसे अंत्योदय परिवारों के सदस्यों की संख्या यमुनानगर में करीब 796454 है। स्वास्थ्य जांच सुचारू रूप से करने के लिए अंत्योदय लाभार्थी को 0-6 माह, 6 माह से 5 साल, 5 से 18 साल, 18-40 साल, 40 से 60 साल व 60 साल से अधिक छह आयु श्रेणियों में बांटा गया है। आयु के अनुरूप शारीरिक जांच के अलावा 25 से ज्यादा निशुल्क परीक्षण करने का प्रावधान है।
योजना का उद्देश्य इन परिवारों के लोगों की स्वास्थ्य की जांच कर बीमारियों का पता करना है। ताकि प्रारंभिक स्तर पर ही बीमारी का पता लग जाए और गंभीर रोग होने से पहले समय रहते उसका उपचार किया जा सके। यमुनानगर की बात करें तो यहां अब तक हुई जांच में एनीमिया के 7107, कम वजन के 502 बच्चे, शुगर के 2992, टीबी के 7, उच्च रक्तचाप के 3898, ह्रदय संब…