यमुनानगर : सब डिवीजन नागरिक अस्पताल, जगाधरी को बिजली की हॉटलाइन से जोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 2012 में 17 लाख 64 हजार रुपये उत्तर हरियाणा बिजली निगम के खाते में जमा किए थे। हालांकि, यह रकम जमा हुए 12 साल से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन आज तक इन पैसों का कोई स्पष्ट हिसाब नहीं मिल पाया है। न तो अस्पताल में हॉटलाइन लग पाई है और न ही इन पैसों का कोई पता चला है। बिजली निगम के अधिकारियों को भी यह नहीं पता कि ये रुपये कहां गए।इसका असर अस्पताल में भर्ती मरीजों पर पड़ रहा है। जगाधरी के 100 बेड वाले अस्पताल में अक्सर बिजली की कटौती होती रहती है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती हैं। कभी कंप्यूटर बंद हो जाते हैं, तो कभी अस्पताल में अंधेरा छा जाता है। खासकर गर्मी के मौसम में पंखों और कूलरों के बंद होने से मरीजों को परेशानी होती है, क्योंकि एक पल के लिए भी इनकी बिजली बंद नहीं होनी चाहिए।इस समस्या को हल करने के लिए अस्पताल के एमएस डॉ. अनुज मंगला ने बिजली की हॉटलाइन लगवाने का विचार किया। हॉटलाइन के तहत अस्पताल को पावर हाउस से अलग फीडर दिया जाता है, जिससे 24 घंटे बिजली की आपूर्ति होती है। इस दौरान यह जानकारी सामने आई कि 2012 में चेक के माध्यम से 17 लाख 64 हजार रुपये बिजली निगम के खाते में जमा किए गए थे।डॉ. अनुज मंगला ने इस बारे में बिजली निगम के एसडीओ और एक्सईएन से फोन पर संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इस राशि के बारे में कोई जानकारी होने से मना कर दिया। डॉ. मंगला का कहना है कि 2012 में 17.64 लाख रुपये हॉटलाइन के लिए जमा किए गए थे, लेकिन आज तक बिजली निगम ने अस्पताल को हॉटलाइन से नहीं जोड़ा। स्थानीय एसडीओ और एक्सईएन भी इस राशि के बारे में कुछ नहीं जानते। इस कारण अब उन्होंने यूएचबीवीएन पंचकूला के एमडी को पत्र लिखा है।