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यमुनानगर : भिवानी, नारनौल, रोहतक, नूंह और पलवल से कुल 43 बसों का आपस में विनिमय किया गया।

यमुनानगर : वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से एनसीआर जिलों की बीएस-3 बसों को नॉन-एनसीआर जिलों की बीएस-6 बसों के साथ बदला जा रहा है। इसी क्रम में यमुनानगर डिपो की 43 बीएस-6 बसों की अदला-बदली भिवानी, नारनौल, रोहतक और नूंह डिपो की बीएस-3 बसों के साथ की जाएगी। इनमें से 29 बीएस-6 बसें पहले ही इन डिपो में भेजी जा चुकी हैं, जबकि शेष 14 बसों को भेजने की प्रक्रिया जारी है। वहीं, इन जिलों से बीएस-3 बसें यमुनानगर डिपो में लाई जाएंगी।रोडवेज के जीएम संजय रावल के अनुसार, बसों के बदले जाने के बावजूद सभी रूटों पर सेवा पहले की तरह ही जारी रहेगी। हालांकि, रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि बीएस-6 बसों के बदले आने वाली बीएस-3 बसें दिल्ली और एनसीआर के रूटों पर नहीं चलाई जा सकेंगी। इसके अलावा, पुरानी बीएस-3 बसों को लंबी दूरी के रूटों पर संचालित करना एक चुनौती होगी।जानकारी के मुताबिक, यमुनानगर डिपो में कुल 171 बसें हैं, जिनमें करीब 70 बीएस-6 बसें शामिल हैं। इनमें से 43 बसों को अन्य जिलों में स्थानांतरित किया जा रहा है। अभी तक 29 बसें भेजी जा चुकी हैं और अगले कुछ दिनों में शेष 14 बसें भी भेज दी जाएंगी। इसके परिणामस्वरूप, यमुनानगर डिपो में बीएस-6 बसों की संख्या घटकर 47 रह जाएगी।चूंकि यह मामला प्रदूषण नियंत्रण और अदालत के निर्देशों से जुड़ा है, इसलिए रोडवेज यूनियन के कर्मचारी खुलकर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर चर्चा जारी है। कर्मचारियों का कहना है कि दिल्ली और एनसीआर के रूटों पर केवल बीएस-6 बसें ही चल सकती हैं। साथ ही, पुरानी बीएस-3 बसों को लंबी दूरी के रूटों पर भेजना मुश्किल होगा, जिससे भविष्य में डिपो के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं।

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