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यमुनानगर : वायु गुणवत्ता सूचकांक 203 तक पहुंचा, स्वास्थ्य के लिए खतरे का संकेत।

यमुनानगर : में त्योहारी सीजन के दौरान भारी मात्रा में हुई आतिशबाजी के परिणामस्वरूप वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जो सफेद धुंध के रूप में दिखाई दे रहा है। जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 203 तक पहुंच गया, जिससे यह ‘येलो अलर्ट’ जोन में आ गया। बढ़ता वायु प्रदूषण स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा दे रहा है।दोपहर तक AQI 184 रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य स्तर से काफी अधिक है। स्मॉग के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं हो रही हैं। यह धुंध खासकर सांस और दमा के मरीजों के लिए खतरे की स्थिति पैदा कर रही है। प्रदूषण का प्रभाव रक्तचाप बढ़ाने और हृदय की धड़कनों को तेज करने के रूप में भी देखा जा सकता है, जिससे सिरदर्द, थकावट और चक्कर आने जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए यह स्थिति और भी अधिक चिंताजनक है।सिविल अस्पताल में हर दिन सांस की तकलीफ, गले की खराश और थकान के 150 से 200 मरीज पहुंच रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि आंखों में जलन के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, जिसका मुख्य कारण वायु प्रदूषण हो सकता है। इससे बचाव के लिए घर से बाहर निकलते समय चश्मा पहनने और नियमित रूप से आंखों को साफ पानी से धोने की सलाह दी जा रही है। हालांकि, नगर निगम ने धूल के कणों को हटाने के लिए पेड़ों पर पानी का छिड़काव किया था, लेकिन इसका असर सीमित ही रहा। उड़ती धूल से सांस की समस्याएं बढ़ रही हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण का स्तर जल्द नियंत्रित करना जरूरी है।

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