यमुनानगर : 15 दिसंबर से खरमास की अवधि शुरू होने के कारण एक महीने तक मांगलिक कार्यों पर रोक लगी हुई थी, लेकिन अब यह रोक समाप्त हो गई है। मकर संक्रांति के साथ ही 14 जनवरी को खरमास समाप्त हो गया, जिससे एक बार फिर शादियों की शहनाई गूंजेगी। जनवरी के शेष 15 दिनों में विवाह के लिए कुल 10 शुभ मुहूर्त हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, पूरे वर्ष में विवाह के लिए कुल 76 शुभ दिन हैं, जिनमें मई में 15, फरवरी और नवंबर में 14 मुहूर्त हैं। वहीं, भगवान विष्णु के योगनिद्रा में होने के कारण जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में विवाह के मुहूर्त नहीं होते। दिसंबर में सबसे कम केवल तीन मुहूर्त होते हैं। पंडित रमन वत्स के अनुसार, जब भगवान सूर्य धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसे खरमास कहा जाता है। यह स्थिति साल में दो बार होती है। 15 दिसंबर को सूर्य ने रात 10:19 बजे धनु राशि में प्रवेश किया था, जिसके कारण सूर्य का तेज कम हो गया और देवगुरु बृहस्पति की शुभता में भी कमी आई, जिससे विवाह, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य रुक जाते हैं। 13 जनवरी तक जारी इस खरमास के बाद, मकर संक्रांति 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से समाप्त हो गया, और अब मांगलिक कार्यों के लिए कोई रोक नहीं है।
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