यमुनानगर : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बिलासपुर शाखा के पूर्व प्रबंधक धर्मपाल पर आठ लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक एफडी को लोन में बदल दिया। बांसेवाला के निवासी राजेंद्र कुमार की शिकायत पर बिलासपुर थाने की पुलिस ने धर्मपाल के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
राजेंद्र कुमार ने बताया कि उनके दादा, स्वर्गीय नराता राम, ने 2012 में स्टेट बैंक की बिलासपुर शाखा से छह लाख रुपये का कर्ज लिया था, जिसके नामिनी उनके पिता मामचंद थे। 2013 में उनके दादा ने जमीन की अग्रिम राशि से यह कर्ज चुका दिया और बैंक से नोड्यूज सर्टिफिकेट प्राप्त किया, जिसकी एक प्रति तहसीलदार बिलासपुर को भेजी गई थी। इसके बाद जमीन बेच दी गई थी।
2018 में मामचंद ने आठ लाख रुपये की एक एफडी बैंक में जमा कराई थी, लेकिन 2019 में उनके निधन के बाद, जब एफडी की राशि निकालने के लिए बैंक गए तो उन्हें बताया गया कि शाखा प्रबंधक धर्मपाल ने इसे लोन में बदल दिया है। आरोप है कि बिना कोई सूचना दिए, बैंक प्रबंधक ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये एफडी की रकम हड़प ली। इस पर पुलिस ने पूर्व बैंक प्रबंधक धर्मपाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।