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यमुनानगर : हल्की बारिश के साथ ठंडी हवाएं, लोग घरों में रहे सुरक्षित।

यमुनानगर : पहाड़ों पर ताजा बर्फबारी के बाद मैदानी क्षेत्रों में सर्दी ने तेज़ी से अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है, जिससे शीतलहर का माहौल बन गया है। सोमवार को इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा, जब सुबह से घने बादल छाए रहे और शाम तक रुक-रुक कर हल्की बारिश होती रही। पूरे दिन सूरज की किरणें नहीं दिखीं और बर्फीली हवा चलती रही, जिससे सर्दी और भी तेज हो गई। इस कड़ी सर्दी के कारण लोग अपने घरों में ही दुबके रहे। इसके परिणामस्वरूप तापमान में करीब पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। साथ ही बर्फीली हवा की रफ्तार 18 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंची। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी बारिश की संभावना जताई है, जिससे तापमान में और कमी आने के साथ सर्दी बढ़ने की उम्मीद है। बारिश के बाद धुंध और पाला भी पड़ सकता है, जो फसलों के लिए लाभकारी रहेगा।हालांकि, कई दिनों तक चल रही हल्की धूप के बाद सोमवार को मौसम ने अचानक करवट ली और तड़के आसमान पर घने बादल छा गए। सुबह 10 बजे के आस-पास हल्की बूंदाबांदी हुई, जो कुछ समय बाद रुक गई। फिर दोपहर में बूंदाबांदी फिर से शुरू हुई, जो शाम पांच बजे तक जारी रही। इस दौरान तेज ठंडी हवा ने ठिठुरन बढ़ा दी, जिससे कड़ाके की सर्दी का अहसास हुआ। सर्दी के कारण अधिकांश लोग घरों में ही रहें और स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या भी कम हो गई, खासकर प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति केवल 30 प्रतिशत रही।सोमवार को अधिकतम तापमान में करीब पांच डिग्री सेल्सियस की कमी आई। रविवार तक अधिकतम तापमान 21.3 डिग्री सेल्सियस था, जबकि सोमवार को यह 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं न्यूनतम तापमान भी 6.9 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग का कहना है कि इस सप्ताह कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ेगा, और न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है।इस मौसम में विशेष ध्यान देने की सलाह देते हुए चिकित्सक डॉ. सौरभ गर्ग ने कहा कि सर्दी और शीतलहर से लोग बीमार पड़ सकते हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल रखना जरूरी है, क्योंकि इस समय जुकाम, बुखार और खांसी के मरीज बढ़ रहे हैं। उन्होंने सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी है।

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