यमुनानगर : शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित 11570 एकड़ में फैला कलेसर नेशनल पार्क अब और भी रोमांचक बनने जा रहा है। वर्तमान में यहां 14 किलोमीटर लंबी जंगल सफारी की सुविधा दी जा रही है, जिसे अब बढ़ाकर 20 किलोमीटर करने की योजना पर काम चल रहा है। कलेसर पार्क का यह विस्तृत क्षेत्र पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है, और जंगल सफारी की शुरुआत के बाद से यहां आने वाले सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।कलेसर नेशनल पार्क, जो जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित है, पर्यटकों को ना केवल सफारी का अनुभव प्रदान करता है, बल्कि यहां के दुर्लभ और सुंदर प्राणियों को देखने का अवसर भी मिलता है। इस पार्क में तेंदुआ, सांबर, चित्तल, नीलगाय, भालू, जंगली बिल्ली, हाथी, लंगूर, बंदर, और जंगली मुर्गे जैसी कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसके अलावा, जंगली सुअर और मोंगोज भी यहां रहते हैं, और राजाजी नेशनल पार्क से बाघ और हाथी भी कभी-कभी इस क्षेत्र में आ जाते हैं। खासतौर पर सप्ताहांत और छुट्टियों में सफारी के लिए सैलानियों की संख्या बढ़ जाती है।इस वर्ष जंगल सफारी की शुरुआत के बाद से पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है, और दिल्ली, हिसार, गुरुग्राम, पंजाब सहित विभिन्न स्थानों से लोग यहां पहुंच रहे हैं। इस बढ़ती संख्या से सफारी से होने वाली आय में भी बढ़ोतरी हुई है। कलेसर नेशनल पार्क को तीन राज्यों—हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश—के सीमा क्षेत्रों से घिरा हुआ है। पार्क का नाम कलेसर मठ (शिव) मंदिर के नाम पर रखा गया है, जो इस क्षेत्र में स्थित है।