यमुनानगर : में आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज कराने की चाह रखने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने आईएमए के नेतृत्व में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इलाज करने से इनकार कर दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि वे किसी भी स्थिति में समझौता नहीं करेंगे और आश्वासन के बजाय अस्पताल चलाने के लिए भुगतान की मांग कर रहे हैं।चंडीगढ़ में उच्चाधिकारियों के साथ हुई बातचीत के बाद जिले के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने ऑनलाइन बैठक की। बैठक में मंगलवार से आयुष्मान कार्ड पर इलाज बंद करने का निर्णय लिया गया। परिणामस्वरूप मंगलवार को किसी भी अस्पताल में इस योजना के तहत इलाज नहीं हुआ।जिले में आयुष्मान योजना के तहत 35 निजी और 10 सरकारी अस्पताल पैनल में शामिल हैं, जहां मरीज कार्ड दिखाकर सालाना पांच लाख रुपये तक का इलाज करवा सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार यमुनानगर में चार से पांच हजार मामलों का लगभग 22 से 25 करोड़ रुपये का भुगतान राज्य सरकार की ओर से अभी तक नहीं किया गया है।आयुष्मान भारत योजना के प्रतिनिधि डॉ. जेके गुलाटी और डॉ. डीके सोनी का कहना है कि निजी अस्पतालों को इलाज का उचित भुगतान नहीं मिल रहा है। भुगतान में 60 से 90 प्रतिशत तक की कटौती कर दी जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि जब सरकार भुगतान नहीं कर रही है, तो वे अस्पताल के खर्च कैसे उठाएं। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई अस्पताल 35 हजार रुपये का बिल बनाकर भेजता है, तो केवल 10 हजार रुपये ही मिलते हैं। कई बार तो 18 हजार रुपये की जगह केवल 1800 रुपये का भुगतान किया गया है। सरकार पहले बिलों को स्वीकृत करती है और बाद में उसे अस्वीकृत कर देती है।
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