यमुनानगर : स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के नजदीक आते ही शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने विभिन्न कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पिछले वर्ष रैंकिंग में 51 स्थानों की गिरावट आई थी, लेकिन इस बार सफाई व्यवस्था में बदलाव की कई योजनाएं बनाई गई हैं।इस बार निगम ने कचरा उठान के लिए टिपरों की संख्या बढ़ाई है और मुख्य बाजारों तथा प्रमुख मार्गों से रात में कचरा उठाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही कचरे के निस्तारण के लिए एजेंसियों पर सख्ती बरती जा रही है।शहर में दो स्थानों पर एमआरएफ सेंटर और चार सार्वजनिक शौचालय बनाने की योजना है, साथ ही पुराने 30 शौचालयों की मरम्मत की जाएगी। एक माह के सफाई अभियान के तहत 22 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, दो जेसीबी, 66 हेल्पर्स भी तैनात किए जाएंगे।निगम की ओर से 55 लाख रुपये से वार्ड-4 की इंदिरा कॉलोनी, 12 के गांव पांसरा और शादीपुर, तथा वार्ड-18 के गांव जोडियों में शौचालय बनाने का कार्य किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 37 पुराने शौचालयों की मरम्मत की जाएगी, जिसमें से 7 शौचालय पहले ही ठीक कर लिए गए हैं। बाकी 30 शौचालयों की मरम्मत भी जल्द की जाएगी।सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की जाएगी, जिनके लिए 16.50 लाख रुपये का टेंडर भी जारी कर दिया गया है। सफाई अभियान के लिए 22 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, दो जेसीबी, और 66 हेल्पर्स की तैनाती के लिए भी टेंडर लग चुके हैं।कचरा एकत्रित करने के बाद उसे कचरा प्लांट तक पहुंचाने में समय लगता है, इसलिए गुलाबनगर और शादीपुर में दो स्थायी एमआरएफ सेंटर बनाए जाएंगे। यहां कचरे को गीला और सूखा अलग-अलग किया जाएगा, और गीले कचरे से खाद बनाने के लिए पिट बनाए जाएंगे। बाकी कचरे को बड़े वाहनों से निस्तारण के लिए भेजा जाएगा।मुख्य बाजारों और मार्गों में दिन में भीड़ की वजह से कचरा उठाने में मुश्किलें आती थीं, इसलिए रात के समय कचरा उठाने का काम शुरू किया गया है। शहर को दो जोनों में बांटा गया है – जोन-1 में जगाधरी बाजार, बर्तन बाजार, झंडा चौक, रेलवे रोड, मॉडल टाउन आदि, जबकि जोन-2 में मीराबाई मार्केट, रादौर रोड, सब्जी मंडी, आईटीआई, कैप बाजार आदि शामिल हैं।इसके अलावा, कॉलोनियों की तंग गलियों की सफाई के लिए छोटी स्वीपिंग मशीन खरीदने की भी योजना है।
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