यमुनानगर : बुढ़ेडी गांव के किसान नायब सिंह पर खेत में पराली जलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था, जिसे थाना सदर जगाधरी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बाद में किसान को कोर्ट से जमानत मिल गई। इसी बीच, कृषि विभाग के अधिकारियों ने 11 किसानों के खिलाफ रेड एंट्री की तैयारी की है। रेड एंट्री के तहत आने वाले किसान अगले दो साल तक अपनी फसल को एमएसपी पर मंडियों में नहीं बेच सकेंगे।डीसी कैप्टन मनोज कुमार द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के बाद, मंगलवार को एसडीएम रादौर जय प्रकाश ने अपने कार्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान एसडीएम ने पराली जलाने वालों की जानकारी न देने और कार्रवाई में ढिलाई बरतने पर नाराजगी जताई, जिससे कुछ कर्मचारियों को उनकी फटकार सुननी पड़ी।एसडीएम ने खंड कृषि कार्यालय और बीडीपीओ कार्यालय के स्टाफ को बुलाकर कहा कि पराली जलाने से पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है। मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निर्देश दिए हैं कि पराली जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। अगर इस मामले में कोई अधिकारी या कर्मचारी लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।अब तक सैटेलाइट के जरिए पराली जलाने के 24 मामलों की पहचान की गई है, जिनमें से 11 मामलों में मौके पर पराली जलाने की पुष्टि हुई है। दो जगहों पर आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी, जबकि आठ मामले अभी तक अनसुलझे हैं। जिन मामलों की पुष्टि हो चुकी है, उनमें शामिल किसानों के खिलाफ रेड एंट्री की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. आदित्य डबास ने बताया कि मंगलवार को पराली जलाने का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। जिन्होंने पहले पराली जलाई है, उन्हें रेड एंट्री में डाला जाएगा, जिससे वे दो साल तक एमएसपी पर अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे खेतों में पराली न जलाएं।