यमुनानगर : में शहर भर में जगह-जगह कचरे के ढेर देखने को मिल रहे हैं। नगर निगम की तरफ से सफाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिसके चलते शहरवासी असुविधा महसूस कर रहे हैं। इन कचरे के ढेरों के कारण न केवल शहर की सुंदरता प्रभावित हो रही है, बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। कॉलोनियों और चौक-चौराहों पर फैली गंदगी से लावारिस पशुओं की मौजूदगी भी बढ़ गई है, जो वाहन चालकों के लिए भी खतरा बन रही है।छछरौली में हाल ही में एक युवक को लावारिस सांड ने चोटिल कर दिया था। इसके बावजूद नगर निगम ने न तो गंदगी साफ करने का कार्य किया है और न ही लावारिस पशुओं का ध्यान रखा है। शहर के नागरिक पहले ही इस विषय में नगर निगम को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।मुख्य सड़कों की सफाई समय पर नहीं हो रही है, जिससे वार्डों में गंदगी का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है और बीमारियों का खतरा पैदा हो रहा है। गंदगी के कारण स्थानीय दुकानदारों और निवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सुबह सैर करने वालों को भी ताजगी के बजाय बदबू का सामना करना पड़ता है।लक्ष्मी नगर में विशाल गुप्ता ने बताया कि यहां पहले भट्ठा था, लेकिन अब कॉलोनी बस चुकी है और वहां चूहों और नेवले भी बढ़ गए हैं। वहीं, प्रहलादपुरी कॉलोनी की निवासी मोनिका डूमरा ने बताया कि कई स्थानों पर गंदगी फैली हुई है, जिसमें पैलेसों के बाहर बचे हुए खाने को फेंका जा रहा है, जिससे लावारिस गोवंश को भोजन तलाशने में परेशानी होती है।सरोजनी कॉलोनी की रजनी बाला ने बताया कि स्कूल के बच्चे जब इन गंदगी के ढेरों के पास से गुजरते हैं, तो वे प्रदूषित हवा का शिकार बनते हैं, जिससे छोटे बच्चों में दमा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इस प्रकार, शहर के कई हिस्सों में फैली गंदगी ने लोगों के जीवन को कठिन बना दिया है।