यमुनानगर : पक्के घर की चाहत ने कई किरायेदारों को मुश्किल में डाल दिया है, तो कुछ लोग कर्ज के बोझ तले दब गए हैं। इसके बावजूद वर्षों से उनके आवास की किस्तें अटकी पड़ी हैं। यह स्थिति प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के लाभार्थियों की है। इस योजना के तहत पात्र लोगों को छह माह से लेकर एक साल के बाद भी दूसरी और तीसरी किस्त नहीं मिल पाई है। नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी के वार्ड 18 में ऐसे दस से अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं, अन्य कई वार्डों में भी यह समस्या है। पूर्व पार्षद और वर्तमान पार्षदों ने योजना की दूसरी और तीसरी किस्त जारी न होने के आरोप लगाए हैं।वार्ड 18 के पूर्व पार्षद और वर्तमान पार्षद के प्रतिनिधि कर्मवीर गोंदवाल ने बताया कि 2014 में केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद 2022 तक सभी को पक्का घर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत कच्चे मकान या किराए के घर में रह रहे लोगों को अपना पक्का घर बनाने के लिए ढाई लाख रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं। पहली किस्त नींव भरने के लिए, दूसरी दीवार बनाने के लिए, और तीसरी छत डालने के लिए दी जाती है।वार्ड 18 में कई लोगों ने इस योजना के तहत आवेदन किया और उन्हें स्वीकृति पत्र भी मिल गए। इसके बाद इन लोगों ने अपने कच्चे मकानों को गिराकर किराए पर रहना शुरू कर दिया और पहली किस्त के इंतजार में नींव भरवाई। लेकिन फार्म जमा करने के छह माह से लेकर एक साल बाद भी दूसरी और तीसरी किस्त नहीं मिली। मंडेबर की किरण देवी, जोगेंद्र देवी, अमर सिंह, कमल नगर के सुरेंद्र सिंह, जामपुर के रणजीत, औरंगाबाद की उषा, शशि, जसवंत को तीसरी किस्त नहीं मिली है, जबकि औरंगाबाद के मलकीत को दूसरी किस्त अब तक नहीं मिली।किस्तें समय पर न मिलने से इन परिवारों के लिए पक्का घर बनाना तो दूर, उनकी कच्ची छत भी छिन गई। किसी के घर की सिर्फ नींव बन पाई है, तो किसी की अधूरी दीवारें खड़ी हैं। ऐसे परिवार किराए के मकानों में रहने को मजबूर हैं और योजना के तहत मिलने वाली राशि से अधिक तो अब तक किराया दे चुके हैं। कुछ लोग नींव भरने और दीवारें खड़ी करने के लिए कर्ज तक ले चुके हैं।इन लोगों का कहना है कि वे लगातार नगर निगम अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा। कर्मवीर गोंदवाल ने नगर निगम के कन्हैया साहिब चौक स्थित कार्यालय में तैनात कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मामले की जांच कराकर जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही, योजना के तहत मिलने वाली तीनों किस्तों का समय तय किया जाए ताकि पात्र परिवारों को राहत मिल सके।