यमुनानगर : रादौर में 50 बेड के अस्पताल के निर्माण के लिए भूमि की कमी एक बड़ी समस्या बन गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुख्य वास्तुकार दो एकड़ क्षेत्रफल में अस्पताल का भवन बनाने पर अड़े हैं, जबकि मौके पर केवल डेढ़ एकड़ जमीन उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग के पास कहीं और दो एकड़ भूमि नहीं है, जिससे अस्पताल निर्माण का मामला जटिल होता जा रहा है। पहले तैयार किया गया अस्पताल का नक्शा अब निरस्त हो चुका है।मुख्य वास्तुकार का कहना है कि 50 बेड के अस्पताल के लिए कम से कम दो एकड़ जमीन की आवश्यकता है, और पूरे राज्य में जहां भी ऐसे अस्पताल बन रहे हैं, वहां एक ही डिजाइन का नक्शा लागू किया जा रहा है। विभाग में आर्किटेक्ट की कमी के कारण नए नक्शे का निर्माण करना नहीं चाहते, इस कारण रादौर की डेढ़ एकड़ भूमि के हिसाब से नक्शा बनाने से मना कर दिया गया है।रादौर में सीएचसी के पुराने भवन को तोड़कर नया 50 बेड का अस्पताल 2015 से बनाने की योजना चल रही है, और इसके लिए 2017 में सरकार ने 17 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। नया भवन तीन मंजिला बनेगा, और तब दो एकड़ जमीन के हिसाब से नक्शा तैयार किया गया था, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया।2017 से अब तक महंगाई में वृद्धि हो चुकी है, और अब अगर अस्पताल का निर्माण होता है, तो अनुमान है कि इसकी लागत 35 से 40 करोड़ रुपये तक हो सकती है। साढौरा में भी 50 बेड का नया अस्पताल बन रहा है, जिसकी अनुमानित लागत करीब 33 करोड़ रुपये है।