यमुनानगर : जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को शुरू किए गए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का प्रभाव दिखाई दे रहा है। इस अभियान के चलते जिले में लिंगानुपात में सुधार हुआ है, और वर्तमान में यह राज्य में सबसे अच्छा है। 2024 में यहां 1000 लड़कों के मुकाबले 939 लड़कियों का जन्म हुआ, जो पिछले सात वर्षों में जिले का सबसे अच्छा लिंगानुपात है। 2017 में यह आंकड़ा 944 था, लेकिन अब और सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है।हालांकि, लिंगानुपात में सुधार हुआ है, फिर भी ऐसे मामलों की कमी नहीं है जहां नवजात बच्चों को मारने की घटनाएं सामने आती हैं। उदाहरण के लिए, 6 जनवरी को साढौरा की नकटी नदी में एक नवजात बच्चा बोरी में बंधा हुआ पाया गया था, जिसे किसी ने खुले में फेंक दिया था। बच्चा जीवित था या मृत, यह अब तक पता नहीं चल सका है, और कुत्ते वहां मंडरा रहे थे। बाद में पुलिस ने शव को नदी से निकाला।इस सफलता में पलवल और पंचकूला जिलों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 2023 में यमुनानगर सातवें स्थान पर था, जबकि पलवल और पंचकूला पहले और दूसरे स्थान पर थे। 2024 के आंकड़ों में दोनों जिलों के लिंगानुपात में गिरावट आई है, जिससे यमुनानगर के लिए पहला स्थान सुनिश्चित हो सका। पलवल का लिंगानुपात 946 से घटकर 909 और पंचकूला का 942 से घटकर 915 हो गया है। यदि इन दोनों जिलों में गिरावट न आती तो यमुनानगर यह उपलब्धि प्राप्त नहीं कर पाता।