यमुनानगर : दो सहेलियों की जिंदगी का अंत बेहद दुखद तरीके से हुआ। जब एक सहेली नदी में डूबने लगी, तो दूसरी ने अपनी जान की परवाह किए बिना उसे बचाने के लिए छलांग लगा दी। इस दर्दनाक घटना में दोनों की मौत हो गई, जिससे पूरे गांव में शोक का माहौल है और हर ओर उनकी दोस्ती के किस्से ही सुनाई दे रहे हैं।गांव की महिला रामकली ने बताया कि रूमा और आंचल पास-पास के घरों में रहती थीं और दोनों में गहरी दोस्ती थी। अक्सर दोनों साथ में जंगल में लकड़ियां लेने जाया करती थीं। सोमवार को भी वे अपनी एक अन्य सहेली के साथ जंगल गई थीं। यमुना नदी के किनारे पानी पीते समय रूमा का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में गिर गई। मदद की गुहार सुनकर आंचल ने बिना सोचे-समझे नदी में कूदकर उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों पानी में डूब गईं और उनकी मौत हो गई।इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों की भीड़ दोनों के घरों के बाहर जमा रही। हर कोई उनकी दोस्ती की मिसाल दे रहा है।ग्रामीणों के अनुसार, रूमा के पिता सुरजीत के पांच बच्चे हैं, जिनमें चार बेटियां और एक बेटा है। रूमा की मौत से उसके भाई-बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। दूसरी ओर, आंचल अपने भाई की इकलौती बहन थी। उसकी मौत के बाद उसका भाई गहरे सदमे में है।यह हादसा न केवल परिवारों के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए एक बड़ी त्रासदी बन गया है।