यमुनानगर : जिले में शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच सड़क पर यात्रा करना जोखिमभरा साबित हो रहा है। इस अवधि में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में कुल 445 सड़क हादसों में से 131 दुर्घटनाएं इसी समय में हुईं, जिनमें 65 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। यह आंकड़े आईरेड (एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटा)एजेंसी के डाटा से सामने आए हैं।दरअसल, इस समय के दौरान सड़कों पर वाहनों की आवाजाही काफी बढ़ जाती है। नौकरीपेशा लोग अक्सर इस अवधि में दफ्तरों से घर लौटते हैं, जिससे यातायात का दबाव अत्यधिक बढ़ जाता है। जल्दबाजी और तेज रफ्तार वाहन चलाने के कारण दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ जाता है। कई लोग सड़क पर बने अवैध कट का इस्तेमाल करते हैं, जो दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण बनता है।तेज गति और लापरवाही के अलावा सड़क की स्थिति भी हादसों के लिए जिम्मेदार है। जिले की अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। ट्रैफिक लाइट्स सही ढंग से काम नहीं करतीं, डिवाइडरों की स्थिति खराब है और कई जगहों पर अवैध कट बने हुए हैं। सड़कों पर सफेद पट्टियों का अभाव है, और जो पट्टियां हैं, वे इतनी धूमिल हो चुकी हैं कि रात में दिखाई नहीं देतीं।इसके अलावा, अंधे मोड़ पर संकेतकों का अभाव और सड़क किनारे का लेवल ठीक न होना भी दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है। 2023 में जिले में 429 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 234 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 2024 में हादसों की संख्या बढ़कर 445 हो गई, जिसमें 226 लोगों ने जान गंवाई। दिसंबर 2024 में 34 हादसों में 18 लोगों की मौत हुई और 32 लोग घायल हुए।
