यमुनानगर : आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा लेने वाले लोगों को एक और झटका लगने वाला है। इस योजना से जुड़े निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने 3 फरवरी से आयुष्मान कार्ड के माध्यम से इलाज बंद करने का फैसला किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के डॉक्टरों का कहना है कि प्रदेशभर में सरकार पर उनका करीब 450 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि यमुनानगर जिले में यह राशि 45 से 48 करोड़ रुपये के बीच है।आयुष्मान कार्ड से हर साल पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवाने की सुविधा मिलती है। इसके साथ ही, प्रदेश सरकार ने चिरायु योजना को भी जोड़ा है, जिसके तहत लोग हर साल 1500 रुपये देकर इलाज करा सकते हैं। जिले में इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों की संख्या अब लगभग आठ लाख पांच हजार तक पहुंच गई है।यमुनानगर में आयुष्मान भारत योजना के तहत 45 निजी अस्पताल पैनल में शामिल हैं, जहां मरीज कार्ड दिखाकर इलाज करवा सकते हैं। IMA के मानद सचिव डॉ. डीके सोनी ने बताया कि अस्पतालों द्वारा किए गए इलाज का भुगतान कई महीनों से लंबित है। इस संबंध में सरकार के अधिकारियों से कई बार बात की गई, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। बकाया राशि न मिलने के कारण अस्पतालों का संचालन बेहद कठिन हो गया है।डॉ. सोनी का आरोप है कि सरकार द्वारा भुगतान करते समय 60 से 80 प्रतिशत तक की कटौती कर दी जाती है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि अप्रूवल के बाद भी पेमेंट में कटौती करना उचित नहीं है। इसी कारण डॉक्टरों ने विरोधस्वरूप तीन फरवरी से आयुष्मान कार्ड पर इलाज बंद करने का निर्णय लिया है।