उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राज्य विधानसभा में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत में भगवान राम, कृष्ण और बुद्ध की परंपराएं हमेशा कायम रहेंगी, जबकि बाबर और औरंगजेब की धरोहर समाप्त हो जाएगी। यह बयान विपक्ष द्वारा किए गए उस सुझाव के संदर्भ में था, जिसमें यह कहा गया था कि हिंदू रैलियों और नारेबाजी को मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से गुजरने की अनुमति देने से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।मुख्यमंत्री ने यह सवाल उठाया, “संविधान में कहां लिखा है कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हिंदू जुलूस नहीं निकाले जा सकते?” उन्होंने यह भी कहा कि जब कुछ लोग इन जुलूसों को रोकने की कोशिश करते हैं, तो हिंदू समुदाय भी प्रतिक्रिया देता है। उन्होंने मस्जिदों के पास जुलूसों को रोकने के सवाल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह सार्वजनिक सड़कें हैं, और किसी को इन्हें बंद करने का अधिकार नहीं है।योगी आदित्यनाथ ने बहराइच में एक हालिया घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि जब पारंपरिक जुलूस को रोका गया, तो यह आरोप लगाया गया कि भड़काऊ नारे लगाए जा रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, “जय श्री राम का नारा भड़काऊ नहीं है, यह हमारी आस्था और भक्ति का प्रतीक है।” उन्होंने इस नारे की तुलना “अल्लाहु अकबर” से करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति इस नारे पर आपत्ति जताता है, तो उसे समझना चाहिए कि यह भी उसी तरह का अभिवादन है, जैसा उनकी अपनी धार्मिक भावनाओं का हिस्सा है।मुख्यमंत्री ने मुग़ल शासक बाबर के बारे में भी बात की और कहा कि बाबरनामा में उल्लेख है कि बाबर ने एक मंदिर को नष्ट कर वहां एक संरचना बनाई। उन्होंने यह भी कहा कि संभल में अब तक 209 हिंदुओं की हत्या की गई है, और उन्होंने उन लोगों की आलोचना की जो केवल मुस्लिम पीड़ितों के प्रति संवेदनशील हैं, लेकिन हिंदू समुदाय के पीड़ितों पर चुप रहते हैं।