उत्तर प्रदेश : सात साल पहले जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की कमान संभाली, तो उन्होंने इसे “बीमारू प्रदेश” से “उत्तम प्रदेश” बनाने का संकल्प लिया। इस दिशा में योगी सरकार ने प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने और लोगों को उच्च गुणवत्ता तथा किफायती चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के कई अहम फैसले लिए। इन प्रयासों का असर अब पूरे प्रदेश में दिखाई दे रहा है, जहां लोगों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता है। यह योगी सरकार की कड़ी निगरानी और प्रदेश को सुधारने के दृढ़ संकल्प का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य सेवाओं में राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम स्थापित किया है।आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएस) के विभिन्न पहलुओं में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव रंजन कुमार के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार, पूरे प्रदेश में युद्धस्तर पर आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत लोगों की यूनिक हेल्थ आईडी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है, विशेष रूप से आभा आईडी, हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री, हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री, 100 माइक्रोसाइट प्रोजेक्ट, और स्कैन एंड शेयर मॉड्यूल के मामलों में। इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड के मामले में प्रदेश दूसरे स्थान पर है।सचिव रंजन कुमार ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत प्रदेश में पिछले एक वर्ष से आभा (ABHA) को लागू किया गया है। अब तक प्रदेश में लगभग 12.45 करोड़ आभा आईडी बनाई जा चुकी हैं, जिससे उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है, जबकि महाराष्ट्र इस सूची में लगभग 5.46 करोड़ आईडी के साथ दूसरे स्थान पर है। हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री (HPR) में विभिन्न चिकित्सा पेशेवरों जैसे डॉक्टर, नर्स, सीएचओ, एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं का पंजीकरण हो रहा है। प्रदेश ने अब तक 74,789 पंजीकरण पूरे कर लिए हैं और इस मामले में भी प्रथम स्थान पर है। कर्नाटक में लगभग 58,919 पंजीकरणों के साथ दूसरा स्थान है।