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अम्बाला : मुलाना में कांग्रेस-भाजपा कांटे की टक्कर

अंबाला : अंबाला जिला की मुलाना विधानसभा सीट कड़े मुकाबले में फंस गई है। अभी तक मुलाना सीट पर कांग्रेस की प्रबल दावेदारी मानी जा रही थी मगर अब भाजपा ने भी बीते तीन से चार दिनों में प्रचार को उठाने का काम किया है।ऐसे में अब चुनावी दंगल में मुलाना सीट किसी भी पार्टी के खेमे की तरफ डोल सकती है। इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से पूजा चौधरी हैं, जोकि पूर्व मंत्री फूलचंद मुलाना की बहू हैं और सांसद वरुण चौधरी की पत्नी हैं। ऐसे में दोनों नेताओं की साख का सवाल इस सीट पर बना है। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा से संतोष सारवान राजनीतिक शतरंज की खिलाड़ी हैं। वह पूर्व में विधायक और मंत्री रह चुकी हैं। ऐसे में दोनों तरफ से कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।इसके तीसरी तरफ बसपा इनेलो का भी इस सीट पर प्रभाव है, ऐसे में यहां पार्टी यहां पर कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचा सकती है। तीनों पार्टियों के हालातों को देखकर तो साफ लगता है कि यहां काफी कम मार्जन से प्रत्याशी जीत सकता है। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में कांग्रेस के वरुण चौधरी को 67 हजार 51 वोट तो भाजपा के राजबीर सिंह को 65 हजार 363 वोट मिले थे। वरुण चौधरी ने महज 1688 वोट से जीत दर्ज कराई थी। इससे समझा जा सकता है कि मुलाना में किस प्रकार से भाजपा और कांग्रेस के लिए टक्कर बड़ी है। हालांकि आठ अक्तूबर को परिणाम आने के बाद स्थितियां साफ हो जाएंगी।
अभी तक भाजपा कांग्रेस के चुनाव प्रचार को देखें तो भाजपा ने इस सीट पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को स्टार प्रचारक के तौर पर बुलाया था तो वहीं कांग्रेस ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा का यहां रोड शो आयोजित कराया। दोनों केंद्रीय नेताओं के भाषणों में भी मुलाना के एससी और ओबीसी वोटरों को साधने का गणित दिखाई दिया। इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं को पता है कि उनका खेल छोटे दल बिगाड़ सकते हैं ऐसे में उन्होंने भी इसी मुद्दे पर अपने भाषणों में वार किया।इस क्षेत्र से विधायक वरुण चौधरी थे, हालांकि हाल ही में वह सांसद बन गए तो उन्हें विधायक का पद छोड़ना पड़ा। मगर इस क्षेत्र की समस्याओं पर गौर करें तो यहां सड़कें सबसे बड़ा मुद्दा है। इसके अलावा जलभराव, पानी की निकासी न होना भी एक बड़ी समस्या है। यहां तक कि सढ़ौरा से बराड़ा मार्ग भी काफी टूटा हुआ है। इस पर लोग जब पूछते हैं तो पूर्व विधायक वरुण का जवाब होता है कि वह विपक्ष में बैठे थे इस कारण से भाजपा ने उनके कार्य अटकाए। वहीं इसी मुद्दे को लेकर भाजपा मैदान में दावा कर रही है वह प्रचार कर रहे हैं कि मुलाना हलके में तो 75 करोड़ रुपये आए थे मगर उनका उपयोग ही नहीं किया गया। अब इन दावों में कितनी सच्चाई है इसका कोई पक्का साक्ष्य नहीं है।मुलाना सीट पर 1 लाख 18 हजार 700 पुरुष व 1 लाख 4 हजार 922 महिला और तीन थर्ड जेंडर मतदाता हैं। कुल 2 लाख 23 हजार 625 मतदाता हैं। इनमें 1963 पीडब्ल्यूडी, 2477 मतदाता 85 वर्ष से ज्यादा आयु के, 100 वर्ष से ज्यादा आयु के 130, एनआरआई 4, सर्विस वोटर 1206 व 18 से 19 वर्ष के 4501 मतदाता हैं।

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