बंगाल में तख्तापलट की तैयारी शुरू! भतीजे का तगड़ा चैलेंज, TMC में कुछ तो गड़बड़ है

सूत्रों की माने तो डॉक्टर मर्डर केस में ममता के स्टैंड को लेकर अभिषेक बनर्जी नाखुश हैं।

बंगाल में तख्तापलट की तैयारी शुरू! भतीजे का तगड़ा चैलेंज, TMC में कुछ तो गड़बड़ है

पश्चिम बंगाल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अब अपने भी उन्हें घेरते हुए नजर आ रहे हैं। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की चुप्पी को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। ममता को मानने वाले उनके अपने आखिर क्यों कोलकाता कांड के बाद विरोधियों की तरह बर्ताव कर रहे हैं? ये सवाल अब गहराता जा रहा है और हैरानी है कि खुद अभिषेक बनर्जी मानो गुम से हो गए हैं और ममता अकेले ही मोर्चा संभाले हुए है। कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत और हत्याकांड के बाद ममता सरकार पर हमले हो रहे हैं। लेकिन पूरे फ्रेम से भतीजा गायब नजर आ रहा है। रोड शो  करने वाली ममता दीदी सड़क पर प्रदर्शन कर रही थी। लेकिन ममता के भतीजे की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। क्या तृणमूल कांग्रेस में कोई कलह चल रही है? सियासी हलकों में इस बात की चर्चा चल पड़ी है। 

14 अगस्त की तोड़फोड़ के बाद आखिरी बाद टीएमसी के सेनापति यानी अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया पोस्ट चार दिन पहले किया था। जिसमें वो बंगाल की कानून व्यवस्था से नाखुश थे। तृणमूल कांग्रेस में अभिषेक बनर्जी के फॉलोअर्स, छात्र नेता, युवा नेता सभी सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं और लिख रहे हैं कि सेनापति को रास्ता दिखाने के लिए सामने आना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी जहां सर्वोच्च नेत्री हैं। वहीं अभिषेक बनर्जी को सेनापति का दर्जा मिला हुआ है। हर कोई अभिषेक बनर्जी को ही सेनापति बुलाते हैं। 

दूसरी ओर पार्टी के कई नेता चाहते हैं कि लेडी डॉक्टर से हुई हैवानियत के बाद जिस तरह से पूरी टीएमसी घिर गई। ममता सरकार के तौर तरीकों पर सवाल उठे। टीएमसी नेता कृणाल घोष पोस्ट कर कह चुके हैं कि हमें कुछ गलतियों को सुधारने की जरूरत है और हम लड़ेंगे। लेकिन अभिषेक बनर्जी को और एक्टिव होना चाहिए। ऐसे बयानों से लग रहा है कि बंगाल की राजनीति में टीएमसी  बनाम टीएमसी हो रहा है। दूसरी ओर टीएमससी के चार कद्दावर नेताओं के रवैये को देखें जिनमें अभिषेक बनर्जी की चुप्पी, सुखेंदु शेखर राय 14 अगस्त को अकेले ही धरने पर बैठ गए थे। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने सरकार पर तीखे हमले किए। 

सूत्रों के अनुसार टीएमसी नेता शांतनु सेन को आरजी कर अस्तपताल के प्रिंसपल डॉक्टर संदीप घोष से हमेशा दिक्कत रही। साथ ही माना जा रहा  है कि ममता के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए टीएमसी के युवा और छात्र संघ संगठन भी सामने आए हैं। टीएमसी के कई नेता अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व की मांग कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो डॉक्टर मर्डर केस में ममता के स्टैंड को लेकर अभिषेक बनर्जी नाखुश हैं।