ससुर अभय को ताकत देने के लिए पुत्रवधू जसमीन भी निकली तपती गर्मी में

श्रीमती जसमीन को पहली बार घर से बाहर सियासी कार्यक्रम में देखा गया। गौरतलब है कि नैना चौटाला, सुनैना चौटाला के बाद जसमीन चौटाला परिवार की तीसरी बहू हैं जो सक्रिय तौर पर राजनीतिक गतिविधि में शामिल हो रही हैं

ससुर अभय को ताकत देने के लिए पुत्रवधू जसमीन भी निकली तपती गर्मी में

सिरसा - इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला को सियासी ताकत प्रदान करने के लिए उनके पुत्र अर्जुन चौटाला की पत्नी व उनकी पुत्रवधू जसमीन भी तपती दोपहर में सडक़ नापने निकल चुकी हैं।

श्रीमती जसमीन को पहली बार घर से बाहर सियासी कार्यक्रम में देखा गया। गौरतलब है कि नैना चौटाला, सुनैना चौटाला के बाद जसमीन चौटाला परिवार की तीसरी बहू हैं जो सक्रिय तौर पर राजनीतिक गतिविधि में शामिल हो रही हैं। गांव खारियां के पास पदयात्रा का जसमीन एक चेहरा बनकर उभरी। महिलाओं ने जसमीन व सुनैना चौटाला का फूलमालाएं पहनाकर स्वागत किया वहीं युवतियां इन दोनों बहुओं के साथ सेल्फी लेती नजर आईं।

वहीं दूसरी ओर परिवर्तन पदयात्रा की अगुवाई कर रहे श्री अभय सिंह चौटाला ने गांव खारियां में हुई एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए श्री अभय सिंह चौटाला ने जहां केंद्र सरकार की कड़ी शब्दों में आलोचना की तो वहीं उन्होंने प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी-जजपा गठबंधन सरकार को भी जमकर कोसा।

श्री अभय चौटाला ने कहा कि असल मेंपूरा हरियाणा मौजूदा सरकारों की गलत नीतियों के कारण परेशान है। हरियाणा की इस गठबंधन सरकार ने गरीब आदमी को चिंताओं के भंवर में डाल दिया है। जरूरतमंदों के राशन कार्ड, पीले कार्ड, पैंशन इत्यादि काटी जा रही है जबकि सत्ता में बैठे लोग इन लोगों के हक अधिकारों को डकार रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसानों के साथ छलावा किया लेकिन अब उन्हें भी अपनी इन गलत और किसान विरोधी नीतियों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

श्री अभय चौटाला ने कहा कि हरियाणा में सत्ता के लालची लोगों ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने, नौकरी देने के नाम पर वोट तो हासिल कर लिए मगर आज बढ़ती बेरोजगारी के कारण प्रदेश के युवा हताश हैं। उन्होंने कहा कि इन सरकारों ने लोगों के हक अधिकार देने की बजाए ग्राम पंचायतों के अधिकारों का भी हनन कर डाला और जब कोई भी वर्ग आवाज उठाता है तो उस पर लाठियां बरसाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि सिरसा जिला सबसे शांत माना जाता था मगर बढ़ती बेरोजगारी और नशे की बढ़ती प्रवृति के कारण अब इस जिले में भी अपराध बढऩे लगे हैं।